Asaduddin Owaisi Big Statement: 'अपने यहां बम झेले, अब पाकिस्तान की तरफदारी क्यों?' तुर्की की दोहरी नीति पर भड़के ओवैसी

Published on: 09 May 2025 | Author: Ritu Sharma
Asaduddin Owaisi Big Statement: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर निशाना साधने के साथ अब उसके 'भाईजान' तुर्की को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ओवैसी ने पूछा है कि जो तुर्की अपने यहां आतंकियों पर बम बरसाता है, वही पाकिस्तान जैसे देश का समर्थन कैसे कर सकता है?
जब तुर्की खुद कुर्दों पर हमले करता है, तो वह भारत पर कैसे सवाल उठा सकता है?pic.twitter.com/1HryO6vanI
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 8, 2025
पहलगाम हमले से भड़का मामला
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हुई थी. भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित हमला करार दिया है और इसके पुख्ता सबूत भी पेश किए हैं. जबकि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह पल्ला झाड़ते हुए किसी भी संलिप्तता से इनकार कर दिया. वहीं, इस हमले और पाकिस्तान के रवैये पर असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर मुखर रुख अपनाया है. इस बार उन्होंने तुर्की की भूमिका पर भी सवाल उठा दिया है.
तुर्की की दोहरी नीति पर उठाए सवाल
वहीं ओवैसी ने कहा, ''हमें तुर्की को ये बात समझानी चाहिए कि ये वही देश है जो अपनी ही जमीन पर कुर्द आतंकियों पर बमबारी करता है. इराक और सीरिया में भी वह आतंकियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर चुका है. लेकिन जब बात भारत और पाकिस्तान की आती है, तो तुर्की पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आता है. आखिर ऐसा दोहरा रवैया क्यों?'' उन्होंने कहा कि अगर तुर्की आतंक के खिलाफ इतना सख्त है, तो फिर भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों पर सवाल उठाने का उसे कोई हक नहीं है.
तुर्की के मंत्री का पुराना बयान बना संदर्भ
गौरतलब है कि दिसंबर में तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने भी आतंक के खिलाफ सख्त स्टैंड लेते हुए कहा था कि, ''अगर सीरिया का नया प्रशासन हमारे सुरक्षा हितों का ध्यान नहीं रखता, तो हम अपनी रक्षा के लिए जो जरूरी होगा, करेंगे.'' इस बयान को आधार बनाकर ओवैसी ने तुर्की को आइना दिखाने की कोशिश की है.
ओवैसी का बयान अंतरराष्ट्रीय बहस की ओर
इसके अलावा, ओवैसी का यह बयान न केवल पाकिस्तान के पक्षपातपूर्ण रवैये को उजागर करता है, बल्कि तुर्की जैसे देशों के दोहरे मानकों पर भी सवाल खड़े करता है. भारत के आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन को मजबूत करने में यह टिप्पणी असर डाल सकती है.