Fact Check: हिजाब न पहनने पर बांग्लादेश में महिला से पिटाई? वायरल वीडियो की सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे
Published on: 19 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अक्सर भ्रामक दावों के साथ शेयर किए जाते हैं. ऐसा ही एक वीडियो बांग्लादेश के कॉक्स बाजार से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें एक महिला के साथ मारपीट होती दिखती है.
दावा किया गया कि हिजाब न पहनने पर एक ईसाई आदिवासी महिला को मुस्लिम युवकों ने पीटा. हालांकि, जब इस वीडियो की सच्चाई की जांच की गई, तो मामला पूरी तरह अलग निकला.
क्या है वायरल दावा
वायरल वीडियो में एक महिला को सार्वजनिक स्थान पर घेरकर पीटा जाता है और उससे जबरन उठक-बैठक करवाई जाती है. वीडियो के साथ दावा किया गया कि यह घटना बांग्लादेश के कॉक्स बाजार समुद्र तट की है, जहां मुस्लिम युवकों ने हिजाब न पहनने पर एक ईसाई आदिवासी महिला पर हमला किया. यह दावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तेजी से फैलाया गया.
वीडियो की सच्चाई की जांच
वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह सामने आया कि यह दावा गलत है. बांग्लादेशी मीडिया संस्था ‘अजकर पत्रिका’ ने 14 सितंबर 2024 को इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला हिजाब या धर्म से जुड़ा नहीं था, बल्कि समुद्र तट पर उत्पीड़न की घटना थी.
कौन हैं पीड़ित
जांच में पता चला कि पीड़ित का नाम आरोही इस्लाम है, जो खुद को ‘थर्ड जेंडर’ समुदाय से बताती हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि घटना के समय कई महिलाएं और ट्रांसजेंडर लोग मौजूद थे. पीड़ित ने स्पष्ट किया कि वह न तो ईसाई हैं और न ही किसी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, बल्कि मुस्लिम हैं.
यहां देखें वीडियो
2 Muslim girls were attacked by Muslims in Bangladesh for not wearing Burqa & Hijabpic.twitter.com/4gYCh8dc2k
— Kreately.in (@KreatelyMedia) December 19, 2025
हमले की असली वजह
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपियों ने पीड़ित को गलत तरीके से एक छात्र राजनीतिक संगठन से जुड़ा बताया. उन पर यह भी आरोप लगाया गया कि वह सेक्स वर्कर हैं. पीड़ित ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और कहा कि बिना किसी सबूत के उन पर हमला किया गया. इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है.
फर्जी दावे का निष्कर्ष
बीबीसी बांग्ला, ढाका ट्रिब्यून और प्रोथोम आलो जैसे कई मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट्स ने पुष्टि की कि वायरल दावा पूरी तरह झूठा है. यह वीडियो एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति पर हुए हमले का है, जिसे गलत पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया. फैक्ट चेक में यह साफ हुआ कि इसे धार्मिक हिंसा बताकर गलत जानकारी फैलाई गई.