बेलआउट पैकेज की अगली किस्त के लिए रोएगा पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर के बाद IMF ने आतंकी मुल्क पर थोपीं 11 नई शर्तें

Published on: 18 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को बेलआउट प्रोग्राम की अगली किश्त जारी करने के लिए 11 नई शर्तें थोप दी हैं. रविवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि भारत के साथ बढ़ता तनाव इस प्रोग्राम के वित्तीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ा सकता है. इन शर्तों में 17.6 ट्रिलियन रुपये का नया बजट संसद से पारित करना, बिजली बिलों पर ऋण सेवा अधिभार में वृद्धि और तीन साल से पुरानी आयातित कारों पर प्रतिबंध हटाना शामिल है.
भारत-पाक तनाव का प्रभाव
एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को जारी आईएमएफ की स्टाफ लेवल रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव, यदि यह बना रहा या और बिगड़ता है, तो प्रोग्राम के वित्तीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकता है." पिछले दो हफ्तों में दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ा है, हालांकि बाजार की प्रतिक्रिया अब तक सीमित रही है.
ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य टकराव
7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की. 10 मई को दोनों देशों ने चार दिन की तीव्र सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष समाप्त करने पर सहमति जताई.
रक्षा बजट में बढ़ोतरी
आईएमएफ की रिपोर्ट में अगले वित्तीय वर्ष के लिए रक्षा बजट 2.414 ट्रिलियन रुपये दिखाया गया है, जो पिछले साल से 252 अरब रुपये या 12% अधिक है. हालांकि, सरकार ने भारत के साथ हालिया टकराव के बाद 2.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक का बजट आवंटित करने का संकेत दिया है, जो आईएमएफ के अनुमान से 18% अधिक है.
ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में सुधार
आईएमएफ ने ऊर्जा क्षेत्र में चार नई शर्तें लगाई हैं, जिनमें 1 जुलाई तक वार्षिक बिजली टैरिफ रीबेसिंग और 15 फरवरी, 2026 तक अर्ध-वार्षिक गैस टैरिफ समायोजन शामिल हैं. इसके अलावा, प्रांतों को जून तक नए कृषि आयकर कानून लागू करने होंगे, जिसमें रिटर्न प्रोसेसिंग और करदाता पंजीकरण के लिए एक मंच स्थापित करना शामिल है.
उपभोक्ता के लिए राहत
आईएमएफ ने एक उपभोक्ता-अनुकूल शर्त भी लगाई है, जिसमें संसद से जुलाई के अंत तक पांच साल से कम पुरानी आयातित कारों पर मात्रात्मक प्रतिबंध हटाने के लिए कानून पारित करने को कहा गया है. वर्तमान में केवल तीन साल से कम पुरानी कारें आयात की जा सकती हैं.