Operation Sindhoor: 125 IAF और PAF लड़ाकू विमानों के बीच सबसे लंबी हवाई लड़ाई- पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारी का दावा

Published on: 08 May 2025 | Author: Babli Rautela
Operation Sindhoor: पाकिस्तानी के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने सीएनएन को दावा किया कि 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) के 125 से अधिक लड़ाकू विमानों के बीच एक घंटे से अधिक समय तक हवाई लड़ाई हुई, जिसे उन्होंने 'विमानन इतिहास की सबसे लंबी और सबसे बड़ी हवाई लड़ाई' करार दिया. इस दावे में कहा गया कि पाकिस्तान ने पांच भारतीय जेट्स—तीन राफेल, एक सुखोई सु-30, और एक मिग-29—को मार गिराया, साथ ही एक ड्रोन को भी नष्ट किया. हालांकि, ये दावे विवादास्पद हैं, क्योंकि न तो सीएनएन और न ही किसी दूसरे अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने इनकी स्वतंत्र पुष्टि की है. भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए इन्हें पाकिस्तान का 'दुष्प्रचार अभियान' करार दिया है.
पाकिस्तानी अधिकारी ने दावा किया कि हवाई लड़ाई सुबह 2:45 बजे शुरू हुई, जिसमें दो भारतीय जेट्स को मार गिराया गया, और तीसरा राफेल एक घंटे बाद नष्ट हुआ. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आगे दावा किया कि सुबह 5 बजे के बाद दो और जेट्स (कुल मिलाकर पांच) मार गिराए गए.
शहबाज शरीफ ने पेश किए सबूत
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी संसद में बिना सबूत पेश किए दावा किया कि पाकिस्तानी बलों ने पांच भारतीय जेट्स को नष्ट किया और उनकी वायुसेना को भारत की योजनाओं की पहले से जानकारी थी. उन्होंने यह भी कहा कि मिसाइलों का आदान-प्रदान 160 किलोमीटर तक की दूरी से हुआ, और दोनों पक्षों ने सीमा का उल्लंघन नहीं किया. अधिकारी ने 2019 की बालाकोट घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान को पकड़ा गया था, जिसे इस बार दोहराने से बचा गया.
भारत का खंडन और तथ्य-जांच
भारतीय अधिकारियों ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने तथ्य-जांच के जरिए बताया कि पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया हैंडल्स के साझा किए गए कई वीडियो और तस्वीरें पुरानी या गलत हैं.
भारत ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले थे, जो भारतीय हवाई क्षेत्र से किए गए, और इसमें कोई सैन्य सुविधा निशाना नहीं थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शिविर शामिल थे.