पाकिस्तान में आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर का हुआ प्रमोशन, PAK का दूसरा फील्ड मार्शल बनाया गया

Published on: 20 May 2025 | Author: Praveen Kumar Mishra
पाकिस्तान की कैबिनेट ने मंगलवार (20 मई) को सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. रॉयटर्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के हवाले से बताया कि यह फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव और गोलीबारी के बाद लिया गया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है.
सरकारी टेलीविजन चैनल पीटीवी ने बताया कि जनरल मुनीर को भारत के साथ संघर्ष में उनकी "उदाहरणीय भूमिका" के लिए यह सम्मान दिया गया है. यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई के कुछ दिनों बाद उठाया गया है.
पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा
दरअसल, दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने पर असीम मुनीर ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन वह अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा. बीते 5 मई को रावलपिंडी में एक भाषण के दौरान , उन्होंने कहा, जैसा कि जियो टीवी ने बताया, "पाकिस्तान इस क्षेत्र में और उसके बाहर शांति चाहता है. हालांकि, अगर पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया जाता है, तो पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और अपने लोगों की भलाई को बनाए रखने के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा.
जानिए कौन हैं असीम मुनीर?
पाकिस्तानी सेना के शीर्ष पद पर नियुक्त होने से पहले, जनरल असीम मुनीर ने देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का नेतृत्व किया था, जब फरवरी 2019 में पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसके परिणामस्वरूप 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. जनरल असीम मुनीर नवंबर 2022 में सेना प्रमुख के रूप में जनरल क़मर जावेद बाजवा की जगह ली थी. असीम मुनीर 2022 से पाकिस्तान में 11वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. नवंबर 2024 में सेना प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल तीन से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया था.
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में नागरिकों के मामलों में सैन्य अदालतों द्वारा सुनवाई करने के पक्ष में फैसला सुनाते हुए, असीम मुनीर के नेतृत्व में सेना की नागरिकों को दबाने की क्षमता को भी मजबूत किया है.