'आतंकवाद हमारे अतीत...', पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंक के सवाल पर दिया ये जवाब

Published on: 12 May 2025 | Author: Garima Singh
Pakistans Defence Minister Khawaja Asif: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनका देश अब आतंकवादियों या आतंकी संगठनों को पनाह नहीं देता. उन्होंने साफ़ किया कि पाकिस्तान में रहने वाले लोग न तो देश के भीतर और न ही सीमा पार भारत में किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हैं. यह बयान जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी 'लश्कर-ए-तैयबा' के छद्म संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली. भारत ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा और जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया. इसके तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमले और गोलाबारी की घटनाएं भी सामने आईं. भारत ने लंबे समय से आरोप लगाया है कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन पाकिस्तानी धरती से संचालित होते हैं और वहां की गुप्त शक्तियों का समर्थन प्राप्त है.
आसिफ का दावा: "आतंकवाद हमारा अतीत है"
बीबीसी के एक पत्रकार ने जब ख्वाजा आसिफ से पूछा कि क्या पाकिस्तान अब भी आतंकवादियों को पनाह देता है, तो उन्होंने जवाब दिया, "नहीं।" उन्होंने कहा, "ये चीजें (आतंकवाद) हमारे अतीत की बातें हैं.' आसिफ ने यह भी खारिज किया कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को वैध व्यवसायों के जरिए धन जुटाने की अनुमति देता है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले दावा किया था कि ये संगठन 2019 के पुलवामा और 2016 के उरी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं, जिनमें 59 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे.
अमेरिका पर आसिफ का पलटवार
आसिफ ने 1980 के दशक के सोवियत-अफगान युद्ध का जिक्र करते हुए अमेरिका पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने उस समय 'मुजाहिदीन' ताकतों को हथियार और समर्थन दिया, जो बाद में आतंकी संगठनों में बदल गईं। इनमें हक्कानी नेटवर्क जैसे समूह शामिल थे, जिनके तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से संबंध रहे. आसिफ ने तंज कसते हुए कहा, "जिन आतंकवादियों को पाकिस्तान से जोड़ा जाता है, वे 80 के दशक में अमेरिका के सहयोगी थे. वे अब 'ड्राई-क्लीन' हो चुके हैं, लेकिन हमें अभी भी 'गंदा' बताया जाता है.'आसिफ ने यह भी दावा किया कि जिन लोगों को आतंकी कहा जाता है, वे अब सक्रिय नहीं हैं.