'भुगतने होंगे गंभीर परिणाम', सीरिया हमले में तीन अमेरिकियों की मौत पर भड़के ट्रंप, ISIS को दी कड़ी चेतावनी
Published on: 14 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमले ने एक बार फिर पश्चिम एशिया में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है. इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक की मौत हो गई है.
हमले के बाद अमेरिका में सियासी और सैन्य हलचल तेज हो गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए ISIS को जिम्मेदार ठहराया है और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
हमले के बाद ट्रंप का सख्त संदेश
सीरिया में हुए इस घातक हमले पर डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों और सैनिकों पर हुए किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा. ट्रंप के मुताबिक, यह हमला पूरी तरह से ISIS की करतूत है और इसका जवाब जरूर दिया जाएगा. उन्होंने साफ किया कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी.
ISIS पर सीधा आरोप
अमेरिकी प्रशासन ने इस हमले के लिए इस्लामिक स्टेट समूह को जिम्मेदार ठहराया है. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि यह एक सुनियोजित आतंकी हमला था. अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने भी पुष्टि की कि जवाबी कार्रवाई में हमलावर को मार गिराया गया.
मारे गए सैनिकों को लेकर शोक
रिपब्लिकन सीनेटर जोनी अर्न्स्ट ने बताया कि मारे गए सैनिक आयोवा नेशनल गार्ड से जुड़े थे. उन्होंने सैनिकों की मौत को देश के लिए बड़ी क्षति बताया. अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में घायल अन्य अमेरिकी नागरिकों और सैनिकों का इलाज जारी है. पेंटागन ने कहा कि सभी घायलों की हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है.
सीरिया में अमेरिकी मौजूदगी का संदर्भ
ISIS के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत अमेरिका ने पूर्वी सीरिया में अपनी फौज तैनात कर रखी है. बशर अल असद की सरकार गिरने के बाद यह पहला बड़ा हमला है जिसमें अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया गया. अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का कहना है कि सैनिक आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल थे.
बदलते रिश्ते और बढ़ती चुनौतियां
सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद अमेरिका और दमिश्क के रिश्तों में नई शुरुआत हुई है. हाल ही में सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शारा अमेरिका के दौरे पर भी गए थे. ट्रंप ने कहा कि अल शारा भी इस हमले से नाराज हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नई चुनौती बन सकता है.