क्लाइमेट चेंज प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बन रहा है सबसे बड़ा विलेन, भारत समेत कई देशों पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा

Published on: 14 May 2025 | Author: Antima Pal
Climate Change Pregnant Women Risk: जलवायु परिवर्तन अब केवल पर्यावरण की समस्या नहीं, बल्कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन रहा है. हाल ही में क्लाइमेट सेंट्रल की एक नई रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही भीषण गर्मी और लू हीटवेव्स गर्भावस्था में खतरनाक परेशानी को बढ़ा रही हैं. यह रिपोर्ट 247 देशों में 2020 से 2024 तक के तापमान डेटा का खुलासा करती है और बताती है कि 222 देशों में गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक गर्मी वाले दिन दोगुने हो गए हैं.
क्लाइमेट चेंज प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बन रहा है सबसे बड़ा विलेन
रिपोर्ट के अनुसार गर्मी के कारण गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव, मृत जन्म, जन्म दोष और गर्भकालीन मधुमेह का खतरा बढ़ रहा है. खासकर विकासशील देशों जैसे कैरेबियन, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में यह खतरा ज्यादा है, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं. उदाहरण के लिए भारत जैसे देशों में गर्मी में काम करने वाली गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा दोगुना हो सकता है.
भारत समेत कई देशों पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा
गर्मी के अलावा जलवायु परिवर्तन से होने वाली बाढ़ और जंगल की आग भी गर्भवती महिलाओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं. बाढ़ के कारण दूषित पानी से गर्भवती महिलाओं में पेट की बीमारियां और समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ जाता है. वहीं जंगल की आग से निकलने वाला धुआं शिशु के फेफड़ों और मस्तिष्क के विकास को नुकसान पहुंचा सकता है.
प्रेग्नेंट वुमन के लिए गर्मी ज्यादा खतरनाक
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं का शरीर तापमान नियंत्रित करने में कमजोर होता है, जिससे गर्मी उनके लिए ज्यादा खतरनाक हो जाती है. यह रिपोर्ट गर्भवती महिलाओं को जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करती है. इसमें गर्मी से बचाव के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, जागरूकता अभियान और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने जैसे सुझाव शामिल हैं. सोशल मीडिया यूजर्स भी इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और कई लोग सरकारों से गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की मांग कर रहे हैं.