आजमगढ़ में अखिलेश यादव की सुरक्षा में सेंध, पार्टी के नेताओं में दिखी नाराजगी, जानें पूरा मामला

Published on: 03 Jul 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सुरक्षा में गुरुवार को उस समय गंभीर चूक सामने आई जब वह आजमगढ़ के पार्टी कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान एक संदिग्ध युवक ने सुरक्षा घेरा तोड़कर मंच पर चढ़ने की कोशिश की, जिससे अफरा-तफरी मच गई. हालांकि समय रहते पुलिस ने उसे पकड़ लिया और कार्यक्रम स्थल से बाहर कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित घटना उस वक्त हुई जब अखिलेश यादव अभी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे भी नहीं थे. युवक पहले से ही भीड़ में घुसा हुआ था और जैसे ही मौका मिला, मंच की ओर दौड़ने लगा. सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत हरकत में आकर युवक को रोका, लेकिन उसे मंच तक पहुंचने से रोकने में उन्हें कुछ मिनट लग गए. करीब 5 मिनट की मशक्कत के बाद युवक को मंच के पास से हटाकर बाहर ले जाया गया.
पार्टी के नेताओं में नाराजगी
समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर नाराजगी जताई और इसे एक "साजिश" करार दिया. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह केवल सुरक्षा चूक नहीं, बल्कि एक सुनियोजित प्रयास था, जो कार्यक्रम को खराब करने और अखिलेश यादव की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया.
कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश
सपा प्रवक्ता ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम को बाधित करने की यह कोशिश बेहद शर्मनाक है. यह सवाल खड़ा करता है कि जब एक शीर्ष नेता की सुरक्षा में सेंध लग सकती है तो आम जनता कितनी सुरक्षित है?” पुलिस अधिकारियों ने घटना को गंभीरता से लेते हुए युवक से पूछताछ शुरू कर दी है. फिलहाल युवक की पहचान उजागर नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह स्थानीय निवासी हो सकता है और मानसिक रूप से असंतुलित प्रतीत हो रहा है. उसकी पृष्ठभूमि की भी जांच की जा रही है.
राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
घटना के बाद कार्यक्रम को जारी रखा गया और अखिलेश यादव ने निर्धारित कार्यक्रम के तहत पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शांति बनाए रखने और पार्टी के संगठनात्मक विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की. इस घटना ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जब कोई वीआईपी नेता किसी जनसभा या सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होता है.