Thailand Twin Viral Video: थाईलैंड में 4 साल के जुड़वां भाई–बहन का विवाह, अपशगुन से छुटकारा पाने का हथकंडा

Published on: 04 Jul 2025 | Author: Anvi Shukla
Thailand Twin Viral Video: 28 जून को कलासिन स्थित Prachaya रिसॉर्ट में एक अनूठा आयोजन हुआ, जहां चार वर्ष के जुड़वां शिष्या—ठसनापोर्न सॉर्णचाई और ठसातोर्न सॉर्णचाई—ने पारंपरिक थाई बुद्धिस्ट रीति-रिवाजों के साथ प्रतीकात्मक विवाह संपन्न किया. वायरल वीडियो में भाई-बहन को आकर्षक मंच पर बौद्ध भिक्षुओं के बीच विवाह गीत सुनते, जंजीर–माला डालते और माला-एक्सचेंज करते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो की शुरुआत में दुल्हन ने अपनी जुड़वां बहन से गाल पर चुंबन लेकर समारोह प्रारंभ किया. फिर दोनों ने 'सात फेरों' जैसे अनुष्ठानों का क्रम निभाया, जहां परिजनों ने उन्हें आशीर्वाद दिया. बौद्ध भिक्षु मंत्र-पठित कर जोड़े को आशीर्वादित करते दिखे. समारोह में परंपरागत नृत्य, मुकुट-प्रदान और फूलों की महफिल भी आयोजित की गई.
दहेज का अद्भुत श्रृंगार
रोजमर्रा के थाई विवाहों की तरह इस प्रतीकात्मक विवाह में भी दहेज की रिवाज निभाई गई. रिपोर्ट के अनुसार परिवार ने चार मिलियन बाट नकद और 180 बाट वजनी सुनारों का दहेज दुल्हन के पक्ष में अर्पित किया. समारोह में शामिल मां जोंगकॉन सॉर्णचाई ने कहा, 'The twins were born on June 14. They're four years old now, and since they were both born on the 14th, we decided to hold the wedding on the 28th, combining the dates.'
Thai family holds "wedding" for twin children
— MustShareNews (@MustShareNews) July 4, 2025
May the twins grow up with all the blessings this symbolic ceremony hopes to bring. 🍀✨ pic.twitter.com/pNUSzc4Hop
क्यों हुआ यह रिचुअल?
थाई बुद्धिस्ट मान्यता के अनुसार विपरीत लिंग के जुड़वां पूर्व जन्म में प्रेमी–प्रेमिका रहे होते हैं और यदि उन्हें जल्द विवाह न कराया गया तो अतीत के अपशगुन उनकी वर्तमान जिंदगी में परिवर्तन और बिमारी लेकर आते हैं. मान्यता है कि विवाह न होने पर दोनों में से कोई एक या दोनों निरंतर बीमार रहते हैं और जीवन-भर दुर्भाग्य झेलते हैं.
धार्मिक आयोजन ने उड़ाए सोशल मीडिया के पंख
@Mustsharenews द्वारा पोस्ट किए गए समारोह का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से शेयर हो रहा है. दर्शक इस अनोखे रीति-रिवाज को देखकर अवाक हैं—कुछ इसे सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा मान कर सराह रहे हैं, तो कुछ नैतिकता पर सवाल उठा रहे हैं.