बाद में पछताने से बेहतर है कि पहले सुरक्षित रहा जाए: दिल्ली हाई कोर्ट ने तुर्की की कंपनी सिलेबी से कहा

Published on: 19 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को तुर्की की कंपनी सिलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “बाद में पछताने से बेहतर है कि पहले सुरक्षित रहा जाए.” कंपनी ने अपनी सुरक्षा मंजूरी रद्द होने को चुनौती दी थी, जो भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्की के पाकिस्तान समर्थन के बाद हुई.
सुरक्षा मंजूरी रद्द
हाल ही में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने सिलेबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी, जो भारतीय हवाई अड्डों पर यात्री और कार्गो हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती है. केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सचिन दत्ता के समक्ष कहा, “यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है.” उन्होंने जोर देकर कहा, “दुश्मन को 10 में से एक बार सफल होने की जरूरत है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को हर बार सफल होना होगा. राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए.”
कंपनी का पक्ष
सिलेबी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि कंपनी के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई और उसे अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. “हम पिछले 17 सालों से बिना किसी गलती के काम कर रहे हैं. हम विभिन्न हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं दे रहे हैं. यह कार्रवाई जनता की धारणा के आधार पर हुई,” उन्होंने कहा. रोहतगी ने आगे कहा, “जनता की धारणा के आधार पर 14,000 लोगों की आजीविका छीनना उचित नहीं है. मंजूरी रद्द करने का एक पंक्ति का आदेश पारित किया गया.”
गोपनीय दस्तावेज और अगली सुनवाई
सिलेबी ने केंद्र के साथ अपने समझौते के गोपनीय दस्तावेज सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपे. कोर्ट ने दस्तावेज खोले और मामले की अगली सुनवाई 21 मई (बुधवार) को निर्धारित की. मेहता ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में आनुपातिकता का नियम लागू नहीं होता. नियम है कि पहले सुरक्षित रहना बेहतर है.”
सिलेबी के बारे में
सिलेबी, जो 15 वर्षों से भारत में कार्यरत है, 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और नौ हवाई अड्डों पर सेवाएं देती है. “हम भारतीय एविएशन, राष्ट्रीय सुरक्षा और कर नियमों का पूरी तरह पालन करते हैं और पारदर्शिता के साथ काम करते हैं,” कंपनी ने पहले जारी बयान में कहा. यह कंपनी दिल्ली, मुंबई, कोचिन, कन्नूर, बेंगलुरु, गोवा, हैदराबाद, अहमदाबाद और चेन्नई हवाई अड्डों पर प्रतिवर्ष 58,000 उड़ानें और 5.4 लाख टन कार्गो हैंडल करती है.