मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने NEET-UG 2025 परिणामों पर रोक में दी ढील, इंदौर के कुछ केंद्रों को छोड़कर रिजल्ट जारी करने की दी अनुमति

Published on: 17 May 2025 | Author: Garima Singh
NEET-UG 2025: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने NEET-UG 2025 के परिणामों की घोषणा पर लगाई गई रोक में महत्वपूर्ण संशोधन किया है. अदालत ने अब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को इंदौर के कुछ प्रभावित परीक्षा केंद्रों को छोड़कर, देशभर के अन्य सभी केंद्रों के परिणाम जारी करने की अनुमति दे दी है. ह निर्णय तकनीकी समस्याओं, विशेष रूप से बिजली कटौती, के कारण प्रभावित केंद्रों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
16 मई को सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादियों को भारत के अन्य सभी केंद्रों के परिणाम घोषित करने की अनुमति दी जा सकती है, सिवाय इंदौर के प्रभावित केंद्रों के, जहां छात्रों को बिजली की विफलता का सामना करना पड़ा था. जिसका विवरण प्रतिवादियों को अपने उत्तर के साथ देना होगा.' अदालत ने NTA को निर्देश दिया कि वह अगले दो दिनों में बिजली कटौती से प्रभावित केंद्रों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे. अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की गई है.
सॉलिसिटर जनरल की दलील
सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि इंदौर के केवल ग्यारह केंद्रों में तकनीकी समस्याएं दर्ज की गई थीं.उन्होंने कहा कि इन सीमित समस्याओं के कारण पूरे देश के परिणामों पर रोक लगाना सही नहीं है. मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि अप्रभावित केंद्रों के लिए परिणाम घोषणा की अनुमति दी जाए.
याचिकाकर्ताओं का विरोध
याचिकाकर्ताओं के वकील ने परिणामों पर रोक में ढील देने का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने तर्क दिया कि तकनीकी समस्याओं के कारण परीक्षा नहीं दे पाने वाले छात्र, यदि परिणाम समय से पहले घोषित किए गए, तो काउंसलिंग सत्र में भाग लेने का अवसर खो सकते हैं.
याचिका में कुप्रबंधन का आरोप
एक छात्र की याचिका के मुताबिक, "सरकारी न्यू लॉ कॉलेज के नियंत्रण वाले केंद्र पर परीक्षाएं हुईं, जिसमें कुप्रबंधन और बिजली बैकअप की कमी के कारण लगभग 1 से 2 घंटे तक बिजली कटौती हुई और इन केंद्रों पर छात्रों को मोमबत्ती की रोशनी परीक्षा देनी पड़ी.' मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का यह निर्णय NEET-UG 2025 के परिणामों की घोषणा में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंदौर के प्रभावित केंद्रों के छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने NTA को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हैं.