कैलाश मानसरोवर यात्रा: पांच साल बाद सिक्किम के नाथुला दर्रे से फिर शुरू होने जा रही तीर्थयात्रा

Published on: 17 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
पांच साल के लंबे अंतराल के बाद, सिक्किम के नाथुला दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा इस जून से फिर शुरू होने जा रही है. भारत-चीन सैन्य तनाव और कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में निलंबित इस पवित्र यात्रा को अब नई ऊर्जा और उन्नत बुनियादी ढांचे के साथ पुनर्जनन मिल रहा है. यह खबर तीर्थयात्रियों में आध्यात्मिक उत्साह जगा रही है, जो भगवान शिव के इस पवित्र स्थल की यात्रा के लिए उत्सुक हैं.
तैयारियां जोरों पर
यात्रा की सफलता के लिए अंतिम तैयारियां तेजी से चल रही हैं. सिक्किम प्रशासन ने दो उच्च ऊंचाई वाले अनुकूलन केंद्रों का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है. पहला केंद्र 10,000 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा कुपुप रोड पर हांगु झील के पास 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इन केंद्रों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को कठिन ऊंचाई और मौसम के लिए तैयार करना है. एक अधिकारी ने कहा, "हम तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध हैं." इन केंद्रों में चिकित्सा सुविधाएं और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी.
VIDEO | After a five-year hiatus, the sacred Kailash Mansarovar Yatra via Sikkim’s Nathula Pass is set to resume this June, reigniting spiritual fervour among pilgrims. Suspended due to India-China military standoff and the COVID-19 pandemic, the route is now being restored with… pic.twitter.com/zLctdfrVNM
— Press Trust of India (@PTI_News) May 17, 2025
यात्रा का महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है. यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक और भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. नाथुला दर्रा मार्ग भारत-चीन संबंधों में विश्वास बहाली का प्रतीक है. इस मार्ग के दोबारा खुलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था, विशेषकर पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
तीर्थयात्रियों की उम्मीदें
तीर्थयात्री इस खबर से उत्साहित हैं. एक तीर्थयात्री ने कहा, "पांच साल के इंतजार के बाद, हम फिर से इस पवित्र यात्रा पर जाने के लिए तैयार हैं." सरकार ने यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए कड़े दिशानिर्देश और उन्नत सुविधाओं की व्यवस्था की है.