Operation Sindoor: ‘युद्ध में कोई नहीं जीतता, दोनों तरफ निर्दोष मरते हैं’, भारत-पाकिस्तान तनाव पर बोलीं मुस्लिम एक्ट्रेस

Published on: 09 May 2025 | Author: Babli Rautela
Hina Khan On India-Pakistan Conflict: एक्ट्रेस हिना खान, जो अपनी बेबाक राय और कश्मीरी जड़ों के लिए जानी जाती हैं, ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर एक भावुक पोस्ट शेयर की. पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद की सैन्य कार्रवाइयों से आहत हिना ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा कि युद्ध में कोई विजेता नहीं होता और दोनों पक्षों के निर्दोष लोग इसका खामियाजा भुगतते हैं. उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, और लोग उनकी शांति की अपील और देशभक्ति की भावना की सराहना कर रहे हैं.
हिना ने शुक्रवार को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, 'युद्ध में कोई नहीं जीतता. कोई नहीं. दोनों तरफ निर्दोष मरते हैं. फ्रंटलाइनर्स के लिए प्रार्थना कर रही हूं. हम पहलगाम से पहले युद्ध नहीं चाहते थे, हम अब भी नहीं चाहते.. लेकिन हमारे लोग मारे गए, हमारी प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण, सटीक और गैर-उग्र थी, हम हिंसा को बढ़ावा नहीं देते हैं.. और मुझे पता है कि हम सभी अंततः शांति पसंद करते हैं.. जितना मैं आतंकवाद को खत्म करने के लिए अपने देश के साथ खड़ी हूं.. मैं भी चाहती हूं और तनाव कम करने के लिए प्रार्थना करती हूं. जय हिंद.'
ऑपरेशन सिंदूर पर हिना खान
सोशल मीडिया पर शेयर की गई इस पोस्ट में हिना ने ऑपरेशन सिंदूर को एक सटीक और गैर-उग्र जवाब बताया, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले का प्रतिशोध था, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे. साथ ही, उन्होंने युद्ध की भयावहता और शांति की जरूरत पर जोर दिया.

पहलगाम हमले पर हिना का रिएक्शन
कश्मीर की रहने वाली हिना खान ने पहलगाम हमले के बाद कई इंस्टाग्राम स्टोरीज़ शेयर की थीं, जिनमें उन्होंने हमले की निंदा की और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने लिखा था, 'पहलगाम में जो हुआ, वह अमानवीय था. मेरे दिल में उन सभी के लिए दुख है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया.'
उन्होंने एक दूसरी स्टोरी में समुदायों के बीच तनाव को कम करने की अपील की थी. हिना ने लिखा, 'मेरी सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों, खासकर कश्मीर के लोगों से विनती है. हर समुदाय में कुछ पागल ट्रोलर्स होते हैं, जो सीमा पार करके जहर उगलते हैं. लेकिन कृपया समझें कि दूसरे समुदाय के ज्यादातर लोग दुखी और गुस्से में हैं. उनकी आस्था पर सवाल उठाए गए, उनके प्रियजनों के सामने गोलियां चलीं. हम लगभग युद्ध की स्थिति में हैं. क्या हम इन ट्रोलर्स को जवाब देना बंद कर सकते हैं? क्या हम सह-अस्तित्व में रह सकते हैं? अगर कुछ अच्छा नहीं कह सकते, तो कम से कम चुप रहें. #सह-अस्तित्व संभव है.'