'पाकिस्तान में मेरे साथ जासूस जैसा व्यवहार, कई जगह ले गए, एक एयरबेस के पास', BSF जवान ने 21 दिन तक हर पल झेली यातना

Published on: 16 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार शॉ को 21 दिन की पाकिस्तानी हिरासत के बाद बुधवार को भारत को सौंप दिया गया है. इस बीच बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, "पाकिस्तान रेंजर्स के साथ नियमित फ्लैग मीटिंग्स और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से बीएसएफ के निरंतर प्रयासों के कारण इस जवान की रिहाई संभव हो पाई. शॉ को 23 अप्रैल को फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश करने पर पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया था. यह घटना पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद हुई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे.
पूछताछ में मानसिक यातना
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, शॉ ने अपनी पत्नी को बताया कि उन्हें शारीरिक यातना नहीं दी गई, लेकिन हर रात की पूछताछ ने उन्हें मानसिक रूप से थका दिया। उनकी पत्नी ने कहा, "उन्हें जासूस की तरह माना गया, न कि सीमा की रक्षा करने वाले अर्धसैनिक जवान की तरह. वह बेहद थके हुए लग रहे थे और नींद की कमी की शिकायत कर रहे थे." शॉ को तीन अलग-अलग स्थानों पर रखा गया, जिनमें से एक स्थान हवाई अड्डे के पास प्रतीत होता था, क्योंकि वहां विमानों की आवाजाही की आवाजें सुनाई देती थीं.
जानें हिरासत में कैसे थे BSF जवान के हालात
शॉ को नियमित भोजन दिया गया, लेकिन उन्हें दांत साफ करने की अनुमति नहीं थी. उनकी पत्नी ने बताया, "जब वह बोल रहे थे, उनकी आवाज से थकान और नींद की कमी साफ झलक रही थी." शॉ उस समय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात थे, जब वह अनजाने में सीमा पार कर गए।
बीएसएफ की जांच और ड्यूटी से मिली जवान को छूट
बता दें कि, बीेत 24वीं बीएसएफ बटालियन से ताल्लुक रखने वाले शॉ को फिलहाल सक्रिय ड्यूटी से हटा दिया गया है. बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर ने उनकी हिरासत की घटना और संभावित चूकों की जांच के लिए एक आधिकारिक समिति गठित की है. अधिकारियों का कहना है कि जांच में सभी तथ्यों की गहन पड़ताल की जाएगी.
भारत-पाक तनाव के बीच दोनों देशों में कैसे रहें हैं हालात!
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. जहां भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसका भारत ने जवाब दिया. वहीं, दोनों देशों ने 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई.