Pakistan Air Defence Fail: 'चाइनीज माल' हुआ फेल, भारत की ताकत के आगे पस्त हुआ पाकिस्तान का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम

Published on: 07 May 2025 | Author: Ritu Sharma
Indian Missile Strike: भारत की सैन्य क्षमता ने एक बार फिर अपना लोहा मनवाया है. चीन से मिला पाकिस्तान का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय मिसाइलों और युद्धक विमानों के सामने पूरी तरह बेकार साबित हुआ. ब्रह्मोस, सुखोई, राफेल और S-400 जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को ध्वस्त कर दिया.
पहलगाम हमले के बाद भारत का सटीक प्रहार
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त जवाब देने का फैसला लिया. पाकिस्तान ने सीमा पर अपनी सैन्य गतिविधियां तेज करते हुए HQ-9 सिस्टम को कराची और रावलपिंडी जैसे अहम ठिकानों पर तैनात कर दिया था. लेकिन भारत की सटीक रणनीति और आधुनिक हथियारों ने इन सारी तैयारियों को बेमानी कर दिया.
HQ-9 बनाम S-400 - कोई मुकाबला नहीं
बताते चले कि पाकिस्तान का HQ-9 सिस्टम तकनीकी रूप से भारत के S-400 के सामने कहीं नहीं टिकता. HQ-9 की रेंज 200-300 किमी तक सीमित है जबकि S-400 की मारक क्षमता 400 किमी तक है. HQ-9 को तैनात करने में जहां 35 मिनट लगते हैं, वहीं S-400 को सिर्फ 5 मिनट. यही वजह है कि HQ-9 भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को न तो रोक पाया और न ही ट्रैक कर सका.
भारत की SEAD रणनीति ने उड़ाए पाक के होश
भारतीय वायुसेना ने अपनी SEAD (Suppression of Enemy Air Defence) रणनीति के तहत सुखोई-30, Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल और रुद्रम-1 का इस्तेमाल किया, जिसने पाकिस्तान के रडार सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया.
सोशल मीडिया पर उठे सवाल - 'ये चाइनीज माल है या खिलौना?'
इसके अलावा, X (पूर्व में ट्विटर) पर यूजर्स ने HQ-9 की विफलता पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं. एक यूजर ने लिखा, ''पाक का HQ-9 सिर्फ नाम का है, काम का नहीं!'' दूसरे ने कहा, ''अगर भारत 9 मिसाइलों से हमला कर सकता है तो HQ-9 की असली औकात सबके सामने है.''
HQ-9- सिर्फ कागजी शेर!
HQ-9 की अधिकतम गति मैक 4 से ज्यादा है और ये 180 किलोग्राम वजन की मिसाइल ले जा सकता है. लेकिन इसकी असली युद्ध क्षमता और टारगेट हैंडलिंग पावर को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. पाकिस्तान के पास HQ-9 के तीन वेरिएंट्स हैं, लेकिन भारतीय तकनीक और रणनीति के आगे ये सिर्फ एक 'चाइनीज शोपीस' बनकर रह गया.