भारतीयों के पीछे पड़ गए ट्रंप! भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर चोट करने के लिए लाए नया प्रस्ताव

Published on: 16 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट” नामक एक नए विधेयक का प्रस्ताव रखा है, जो भारतीय कामगारों के लिए चिंता का विषय बन सकता है. इस बिल में करों में कटौती, सरकारी खर्चों में कमी और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की योजनाएं शामिल हैं. हालांकि, इसका सबसे चर्चित हिस्सा है अमेरिका से अन्य देशों में भेजे जाने वाले धन (रेमिटेंस) पर 5% कर लगाने का प्रस्ताव.
5% कर कौन देगा?
बिल के अनुसार, सभी रेमिटेंस पर 5% कर लगेगा, जिसे अमेरिकी बैंक या मनी ट्रांसफर सेवा प्रदाता को सरकार को जमा करना होगा. यदि इस कर को धन ट्रांसफर के समय कर नहीं चुकाया गया, तो सेवा प्रदाता जिम्मेदार होगा. केवल अमेरिकी नागरिक और राष्ट्रीय इस कर से मुक्त होंगे, बशर्ते वे अमेरिकी ट्रेजरी के साथ विशेष समझौता और सबूत प्रस्तुत करें. बिल में भेजी गई राशि के आधार पर कोई कर राहत नहीं दी गई है, यानी छोटे हस्तांतरण पर भी कर लागू होगा.
भारतीय कामगार होंग सबसे अधिक प्रभावित
भारत अमेरिका से सबसे अधिक रेमिटेंस प्राप्त करने वाला देश है. 2023-24 में भारत को 118.7 अरब डॉलर प्राप्त हुए, जिनमें से 27.7% अमेरिका से आए. ये रेमिटेंस मुख्य रूप से एच1बी और एल1 वीजा पर अमेरिका में कार्यरत भारतीयों से आते हैं. पिछले वर्ष जारी किए गए 70% से अधिक एच1बी वीजा भारतीय कामगारों को मिले. यदि यह बिल कानून बनता है, तो भारतीय पेशेवरों को अपने परिवारों को भारत में धन भेजने के लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा. इससे भारत को प्राप्त होने वाली कुल राशि कम हो सकती है, जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार को प्रभावित करेगा.
विशेषज्ञों की चिंता
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कर भारतीय प्रवासियों के लिए आर्थिक बोझ बढ़ाएगा. एक विश्लेषक ने कहा, “यह बिल भारतीय कामगारों की मेहनत से कमाए गए धन पर अतिरिक्त कर थोपता है, जिससे उनकी बचत और भारत की अर्थव्यवस्था दोनों प्रभावित होंगी.” भारत सरकार इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर उठाने की योजना बना रही है.