S-400, Akash, electronic war: भारत के एयर डिफेंस ने कैसे पाकिस्तान को चटाई धूल?

Published on: 11 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत की वायु-रक्षा प्रणालियों ने देश के आसमान को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ये प्रणालियाँ दुश्मन के विमानों, ड्रोनों और मिसाइलों जैसे हवाई खतरों को पहचानने, ट्रैक करने और नष्ट करने में सक्षम हैं.
रूस निर्मित एस-400 वायु-रक्षा प्रणाली भारत की सबसे शक्तिशाली हवाई सुरक्षा प्रणालियों में से एक है. यह 380 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के लड़ाकू विमानों, जासूसी विमानों, मिसाइलों और ड्रोनों को नष्ट कर सकती है. इसके अलावा, कंधे पर ले जाई जाने वाली इग्ला-एस मिसाइल 6 किलोमीटर की रेंज में हवाई खतरों को रोकने में सक्षम है. इन प्रणालियों ने सीमा पर हवाई हमलों को नाकाम करने में अहम योगदान दिया है.
आकाश मिसाइल प्रणाली: भारत की स्वदेशी ताकत
भारत में निर्मित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली हवाई लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है. हाल के तनाव के दौरान इस प्रणाली ने कई हवाई खतरों को सफलतापूर्वक रोका, जिसकी सैन्य विशेषज्ञों ने खूब सराहना की. आकाश प्रणाली ने भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया है.
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध: दुश्मन को भ्रमित करने की कला
भारत की वायु-रक्षा प्रणालियों में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ भी शामिल हैं, जो दुश्मन के रडार और संचार प्रणालियों को जाम करने में सक्षम हैं. ये प्रणालियाँ दुश्मन के ड्रोनों और विमानों को भ्रमित कर उनकी दिशा भटकाने में मदद करती हैं. इस तकनीक ने पाकिस्तान की हवाई गतिविधियों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
संघर्ष विराम उल्लंघन और भारत की जवाबी कार्रवाई
पिछले शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा हुई, जो शाम 5 बजे से लागू होनी थी. लेकिन कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन करते हुए सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसके जवाब में भारत ने अपनी वायु-रक्षा प्रणालियों को और सक्रिय कर दिया. सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट लागू किया गया, जो देर रात तक जारी रहा. अब स्थिति सामान्य हो चुकी है.
तनाव की शुरुआत: पहलगाम आतंकी हमला
यह तनाव पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी. जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सफल हमले किए.