Sewage Tank Exploded: तमिलनाडु की फैक्ट्री में सीवेज टैंक फटने से भयंकर ब्लास्ट, चपेट में आए 20 लोग, कई घरों में घुसा पानी

Published on: 15 May 2025 | Author: Babli Rautela
Sewage Tank Exploded: गुरुवार सुबह तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में SIPCOT औद्योगिक क्षेत्र की लॉयल सुपर फैब्रिक्स रंगाई फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ. फैक्ट्री के अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ETP) टैंक में अचानक विस्फोट हो गया. छह लाख लीटर वाला यह टैंक फटने से कैमिकल वाला पानी बाहर निकला और पास की कुडिकाडु बस्ती में फैल गया. इससे 50 से अधिक घरों में पानी घुस गया, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए.
रसायन युक्त पानी के रिसाव से 20 से अधिक लोगों को उल्टी, चक्कर और आंखों में जलन की शिकायत हुई. कई लोग उस समय सो रहे थे, जब उनके घरों में पानी घुसा. प्रभावित लोगों को तुरंत कुड्डालोर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सूत्रों के अनुसार, किसी की हालत गंभीर नहीं है, लेकिन इलाज जारी है. इस हादसे ने औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े किए हैं.
ETP टैंक विस्फोट से 20 घायल
हादसे के बाद गुस्साए निवासियों ने कुड्डालोर-चिदंबरम राजमार्ग पर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और तत्काल कार्रवाई की मांग की. लोगों ने स्थायी समाधान की भी मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पहले भी फैक्ट्री से रसायन रिसाव की शिकायतें थीं, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.
#WATCH | Tamil Nadu: 20 people injured and admitted to a hospital when a sewage tank at a factory exploded in Kudikadu area near Mudhunagar in Cuddalore district late last night. Houses in the area damaged as water leaked out of the tank and entered the village. More details… pic.twitter.com/SbiFVWNILf
— ANI (@ANI) May 15, 2025
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (TNPCB) और स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट के कारणों और पर्यावरण पर इसके प्रभाव का पता लगाया जा रहा है.
फैक्ट्री और पर्यावरण पर सवाल
लॉयल सुपर फैब्रिक्स SIPCOT औद्योगिक क्षेत्र में कपड़ा रंगाई का काम करती है. इस तरह के कारखानों में ETP टैंक रासायनिक अपशिष्ट को उपचारित करने के लिए होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित जांच और सख्त निगरानी की कमी से ऐसे हादसे होते हैं. पहले भी कुड्डालोर में रासायनिक रिसाव के मामले सामने आ चुके हैं, जैसे 2017 में वेल्लोर का क्रोमियम फैक्ट्री मामला.