पाकिस्तान के झंडे में लपेटा गया लश्कर का आतंकी अबू सैफुल्लाह, देखें भारत को चिढ़ाने वाली राजकीय अंतिम संस्कार की तस्वीर

Published on: 19 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कुख्यात आतंकी अबू सैफुल्लाह खालिद की रविवार (18 मई) को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. खालिद भारत में तीन बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था, जिसमें 2006 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय पर हुआ हमला भी शामिल है. हालांकि, अब सोशल मीडिया पर खालिद के ताबूत को पाकिस्तानी राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए दिखाने वाली तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
पाकिस्तान में आतंकी को 'राजकीय सम्मान'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हैरानी की बात यह है कि एक महीने से भी कम समय में पाकिस्तान ने एक आतंकी को 'राजकीय सम्मान' दिया है. इससे पहले, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को नष्ट करने के दौरान मारे गए आतंकियों के ताबूतों को भी पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था. खालिद के अंतिम संस्कार में लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा, पाकिस्तान मारकज़ी मुस्लिम लीग के प्रमुख और लश्कर के सिंध कमांडर फैसल नदीम भी मौजूद थे. फैसल नदीम, 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भतीजा है.
अबू सैफुल्लाह खालिद की आतंकी गतिविधियां
आतंकी अबू सैफुल्लाह खालिद, जिसे विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्लाह जैसे कई उपनामों से भी जाना जाता था, लश्कर-ए-तैयबा के नेपाल मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था. वह भर्ती, वित्त, लॉजिस्टिक्स और भारत-नेपाल सीमा पर आतंकियों की आवाजाही को सुगम बनाने में शामिल था. खालिद कथित तौर पर लश्कर के आजम चीमा और संगठन के मुख्य लेखाकार याकूब, जिन्हें 'लॉन्चिंग कमांडर' के नाम से जाना जाता है, के साथ काम करता था.
अधिकारियों के अनुसार, रविवार दोपहर मटली में अपने आवास से निकलने के बाद उसे गोली मार दी गई. पीटीआई के हवाले से बताया गया कि अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. हालांकि, पुलिस की शुरुआती जांच-पड़ताल में इसे निजी दुश्मनी का मामला बताया जा रहा है.
हाफिज सईद से थी नजदीकी
खालिद का लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज मुहम्मद सईद के साथ करीबी रिश्ता था. वह संगठन के कई बड़े ऑपरेशनों में सक्रिय रूप से शामिल रहा. उसकी हत्या भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई है, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. इस हमले के बाद भारत ने देशभर में व्यापक आतंकवाद-रोधी अभियान शुरू किया, जिसमें कई आतंकियों को मार गिराया गया और पाकिस्तानी एजेंटों के साथ जासूसी करने के संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया.