रूस-यूक्रेन नहीं अमेरिका शुरू करेगा तीसरा विश्व युद्ध! ट्रंप के 5 शब्दों से क्यों हिली दुनिया?

Published on: 05 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने की अपनी मंशा जाहिर की है. उन्होंने संकेत दिया कि इस डेनमार्क शासित क्षेत्र को हासिल करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल भी संभव है. जिससे इस बात पर अस्पष्टता बनी हुई है कि क्या बल प्रयोग के बिना ऐसा अधिग्रहण हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नाटो सहयोगी डेनमार्क से ग्रीनलैंड को लेने की उनकी यह इच्छा तब सामने आई, जब उन्होंने एनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कही. ट्रंप की इन टिप्पणियों ने ग्रीनलैंड के नए प्रधानमंत्री की नाराजगी को और बढ़ा दिया, जिन्होंने ट्रंप के 'खरीद' प्रस्ताव को अपमानजनक बताया था.
ग्रीनलैंड में बनी सैन्य कार्रवाई की संभावना
एनबीसी को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि कनाडा को 51वां राज्य बनाने के लिए सैन्य बल की जरूरत "बेहद असंभव" है, लेकिन ग्रीनलैंड के लिए उन्होंने ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा, "ग्रीनलैंड के साथ कुछ हो सकता है. मैं ईमानदारी से कहूंगा, हमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसकी जरूरत है... कनाडा के साथ मुझे ऐसा नहीं लगता.
" ट्रंप की यह रणनीति रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 2014 में क्रीमिया पर कब्जे और 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण की याद दिलाती है. यदि ट्रंप ग्रीनलैंड पर सैन्य कार्रवाई करते हैं, तो यह नाटो के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकता है, क्योंकि दो नाटो देशों के बीच युद्ध की स्थिति में अनुच्छेद 5 का उल्लंघन होगा.
ट्रंप के बयान पर ग्रीनलैंड का कड़ा रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान के बाद से सियासी उथल पुथल तेज हो गई है. ऐसे में ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री जेन्स-फ्रेडरिक नील्सन ने ट्रम्प की टिप्पणियों को अपमानजनक करार दिया. उन्होंने कहा, "ग्रीनलैंड कभी भी ऐसी संपत्ति नहीं होगा, जिसे कोई भी खरीद सकता है." ग्रीनलैंड की राजनीतिक पार्टियां, जो डेनमार्क से स्वतंत्रता की मांग कर रही हैं, उन्होंने ट्रंप की महत्वाकांक्षाओं के खिलाफ एकजुट होकर नई गठबंधन सरकार बनाई है. जनता का रुख भी ट्रंप के आक्रमण के खिलाफ है.
ग्रीनलैंड को मिला डेनमार्क का समर्थन
बता दें कि, अप्रैल में ग्रीनलैंड की आधिकारिक यात्रा के दौरान डेनिश प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने कहा, "डेनमार्क ग्रीनलैंड के समाज में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह केवल ऐतिहासिक कारणों से नहीं है." उन्होंने जोड़ा, "हम डेनिश राष्ट्रमंडल का हिस्सा हैं." डेनमार्क का यह रुख ग्रीनलैंड के प्रति उसकी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.