'269 signing off..’ विराट ने कभी हार नहीं मानी, लेकिन एक दिन उन्होंने हार मान ली

Published on: 12 May 2025 | Author: Gyanendra Sharma
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को छोड़ने का फैसला लिया है. कोहली ने 10 मई को BCCI से कहा था कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहता हूं. BCCI ने कोहली को एक फिर से सोचने के लिए कहा था क्योंकि भारत को टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड जाना है. कोहली के संन्यास की खबर ने क्रिकेट जगह को हैरान किया है. आईपीएल में जिस लय में उनका बल्ला चल रहा है लग रहा था अभी कोहली कुछ साल और भारतीय क्रिकेट को सेवा देंगे.
कोहली कभी नहीं हार माने वाले खिलाड़ी हैं. करियर में कई बार खराब दौर से गुजरे लेकिन कभी हार नहीं मानी. हमेशा मजबूती से वापसी की. दिल्ली के इस लड़के के बारे में यही कहानी थी, जब वह 18 साल की उम्र में पहली बार सुर्खियों में आए थे. अपने पहले प्रथम श्रेणी सत्र में क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके कॉलिंग कार्ड पर बोल्ड अक्षरों में उभर कर आ गई. 2006 के दिसंबर का वह ठंडा दिन था जब वह अपने पिता की मृत्यु के कुछ घंटों बाद दिल्ली रणजी ट्रॉफी की जर्सी में कोटला पहुंचे. ड्रेसिंग रूम में वह रो पड़े, लेकिन जल्दी से अपनी आंखों पर पानी छिड़ककर मैच बचाने वाली पारी खेली.
269, साइनिंग ऑफ...
कोहली ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर लिखा, टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू जर्सी पहने हुए 14 साल हो गए हैं. ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा. इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा. कोहली ने पोस्ट को “#269, साइनिंग ऑफ” के साथ समाप्त किया.
2010 से 2019 तक किया राज
36 वर्षीय कोहली ने 14 साल और 123 टेस्ट मैचों के अपने शानदार लाल गेंद के करियर का अंत किया. दिल्ली के इस बल्लेबाज ने 20 जून 2011 को किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. कोहली 2010 से 2019 के बीच पिछले दशक में भारत के सबसे सफल बल्लेबाज बन गए थे. कोहली इस अवधि में तीसरे सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, जिन्होंने 54.97 की औसत और 27 शतकों के साथ 7202 रन बनाए, जो उस समय किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन थे.
2020 के बाद बदल गए विराट?
हालांकि, विराट का प्रदर्शन 2020 में कोविड के बाद गिर गया, उन्होंने 68 पारियों में तीन शतकों और नौ अर्द्धशतकों के साथ सिर्फ़ 2028 रन बनाए. कोहली का 30.72 का औसत उन सभी 24 टेस्ट बल्लेबाज़ों में सबसे कम है, जिन्होंने 2020 के बाद से कम से कम 2000 रन बनाए हैं. अपने लाल गेंद के करियर को अचानक खत्म करने के फैसले के बावजूद, कोहली इस प्रारूप में भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक के रूप में जाने जाएंगे. 210 पारियों में 9230 रनों के साथ, कोहली भारतीय बल्लेबाजों की सर्वकालिक सूची में चौथे स्थान पर हैं.
टेस्ट टीम में भर दिया जोश
कोहली ने 2014 में टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली थी. आठ साल टीम के कप्तान रहे. कप्तान के रूप में 68 मैचों में कोहली ने भारत को 40 टेस्ट मैच जिताए, जिससे वह अब तक के सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तान बन गए. अंतरराष्ट्रीय कप्तानों में केवल ग्रीम स्मिथ (53), रिकी पोंटिंग (48) और स्टीव वॉ (41) ने अधिक टेस्ट जीत दर्ज की हैं. कोहली ने टीम की अगुआई करते हुए बल्ले से भी दबदबा बनाया और कप्तान के तौर पर 113 पारियों में 5864 रन बनाए, जो सभी टेस्ट मैचों में चौथा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी ने विराट को तोड़ा!
2024 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक के साथ करने के बावजूद, कोहली के लिए यह सीरीज बुरे सपने की तरह रहा. बार-बार ऑफ स्टंप की गेंद पर आउट होते रहे. दौरे पर अपने आठ आउट में से कोहली सात मौकों पर ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर आउट हुए. हाल ही में टेस्ट मैचों में मिली असफलताओं के बाद मानसिक दबाव के बारे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कोहली ने कहा था, एक बार जब आप ऊर्जा और बाहरी निराशा को अपने ऊपर हावी होने लगते हैं, तो आप खुद पर और अधिक बोझ डालना शुरू कर देते हैं और फिर आप चीजों के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं, जैसे 'मेरे पास इस दौरे पर दो या तीन दिन बचे हैं, मुझे अब प्रभाव डालना है' और आप और अधिक हताश होने लगते हैं. यह कुछ ऐसा है जो मैंने निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया में भी अनुभव किया है.