हरियाणा के गांवों में नहीं बिकेगाी ये चीज...? सरकार के इस बड़े फैसले से मच गई खलबली, 152 दुकानों पर लगा ताला

Published on: 06 May 2025 | Author: Anvi Shukla
Haryana New Excise Policy: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दी. इस नीति के तहत अब 500 से कम आबादी वाले गांवों में शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे. इस फैसले से राज्य के 700 से अधिक गांवों में लगभग 152 शराब की दुकानें बंद होंगी.
नई नीति के अनुसार, अब कोई भी शराब का ठेका राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग से सीधा दिखाई नहीं देना चाहिए. इसके साथ ही सड़क से दिखने वाले साइनबोर्ड या विज्ञापन भी नियमों के उल्लंघन माने जाएंगे. पहली बार नियम तोड़ने पर ₹1 लाख, दूसरी बार ₹2 लाख और तीसरी बार ₹3 लाख का जुर्माना लगेगा, इसके बाद ठेके का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
शराब दुकान खोलने के नियम
राज्य में शराब की दुकानों की संख्या 2400 ही रहेगी, जो 1200 जोन में फैली हैं. हालांकि, अब स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल और बस स्टैंड से शराब दुकानों की कम ले कम दूरी 75 मीटर से बढ़ाकर 150 मीटर कर दी गई है.
गुरुग्राम में आहता खोलने के लिए लाइसेंस शुल्क का 4%, फरीदाबाद, सोनीपत, पंचकूला में 3% और बाकी जिलों में 1% अतिरिक्त देना होगा. साथ ही, कम से कम 1000 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल अनिवार्य होगा.
गौरक्षा को 500 करोड़ की सौगात
गौ सेवा आयोग का बजट 2 करोड़ से बढ़ाकर ₹500 करोड़ कर दिया गया है. नई गौशालाओं की जमीनों पर स्टांप ड्यूटी माफ की गई है और इन जमीनों का निजी या व्यावसायिक उपयोग प्रतिबंधित रहेगा.
पुलवामा में शहीद नायक संदीप की पत्नी गीता को प्लॉट आवंटित किया गया है. साथ ही, शहीद अग्निवीरों के परिजनों को ₹1 करोड़ की सहायता देने की घोषणा की गई है. नगर निकायों में 1930 का अकाउंटिंग कोड हटाकर डबल एंट्री सिस्टम लागू किया गया है.
पानी विवाद पर सख्त रुख
गुरुग्राम में ₹474.39 करोड़ की लागत से वर्ल्ड बैंक सहयोग से GAIC और पंचकूला में HACF की स्थापना होगी. यमुनानगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर की स्मृति में संग्रहालय और स्मारक बनेगा.
‘पंडित लक्ष्मिचंद कलाकार सामाजिक सम्मान योजना’ के अंतर्गत पारंपरिक कलाकारों को ₹7,000 से ₹10,000 तक की मासिक आर्थिक सहायता मिलेगी. कैबिनेट ने पंजाब विधानसभा के उस प्रस्ताव की निंदा की है जिसमें हरियाणा को पानी देने से इनकार किया गया है. सरकार ने इसे असंवैधानिक बताया और तुरंत पानी छोड़ने की मांग की.