'ये तो तुम्हारा अधिकार है', छुट्टी मांगने पर भारतीय इंजीनियर को पेरिस के मैनेजर ने दिया तोहफा, गारंटीड आपको नहीं मिलती होगी ऐसी छुट्टी?

Published on: 04 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
Viral: भारत और यूरोप के कामकाजी माहौल में बड़ा अंतर है. इसका एक छोटा सा उदाहरण एक भारतीय इंजीनियर ने शेयर किया है. वह पेरिस में काम करते हैं. उनका नाम अखिलेश है. उन्होंने किसी चीज के लिए छुट्टी चाहिए थी. तो उन्होंने अपने मैनेजर से छुट्टी के अप्रूवल के लिए पूछा. इसके बाद मैनेजर ने जो जवाब दिया वह लाजवाब था. यह आपको भी पसंद आ सकता है. इस तरह से भारत में बहुत कम देखने को मिलता है.
यूरोप में छुट्टी का आसान नियम
पेरिस में काम करने वाले भारतीय इंजीनियर अखिलेश ने बताया कि जब उन्होंने अपने यूरोपीय मैनेजर से छुट्टी के लिए अनुमति मांगी, तो जवाब ने उन्हें हैरान कर दिया. मैनेजर ने कहा, “छुट्टी के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. यह तुम्हारे कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा है. बस मुझे पहले से बता देना.” यह सुनकर अखिलेश को लगा कि यूरोप में कर्मचारियों के अधिकारों को कितना सम्मान दिया जाता है.
भारत में छुट्टी लेना होता है बहुत मुश्किल
अखिलेश ने भारत के अपने अनुभव को याद किया. उन्होंने बताया कि भारत में छुट्टी लेने के लिए पहले मैनेजर को आवेदन देना पड़ता था. इसके बाद कई बार ईमेल के जरिए रिमाइंडर भेजने पड़ते थे. कई बार तो मैनेजर से अनुरोध करना पड़ता था कि छुट्टी को मंजूरी दे दी जाए. यह प्रक्रिया कर्मचारी के लिए तनावपूर्ण हो सकती थी.
when i started working in europe, i remember how i requested for leave approval from my manager and he was like 'no, you just inform me with reasonable notice. it's part of our contract, not something i grant'
— akhilesh (@akhileshutup) May 2, 2025
in india, I had to apply for approval, then remind him to grant the…
अखिलेश की इस कहानी ने सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू कर दी. लोग भारत और यूरोप की कामकाजी संस्कृति की तुलना करने लगे. एक यूजर ने लिखा, "भारत में स्कूल के समय से ही हमें छुट्टी के लिए आवेदन पत्र लिखना सिखाया जाता है. यह आदत बड़े होने पर भी बनी रहती है."
हालांकि, कुछ लोगों ने बताया कि भारत में नई पीढ़ी के साथ यह संस्कृति बदल रही है. कई युवा मैनेजर अब कर्मचारियों को छुट्टी के लिए पहले से अनुमति लेने के बजाय सिर्फ सूचना देने की प्रक्रिया को बढ़ावा दे रहे हैं.
काम के घंटों का भी है अंतर
यूरोप और भारत में काम के घंटों में भी बड़ा अंतर है. फ्रांस में सप्ताह में 35 घंटे काम करने का नियम है. अगर कोई कर्मचारी इससे ज्यादा काम करता है, तो उसे ओवरटाइम का भुगतान मिलता है. वहीं, भारत में कोई निश्चित घंटों की सीमा नहीं है. आमतौर पर कर्मचारी सप्ताह में 45 घंटे काम करते हैं, लेकिन कई बार इससे ज्यादा काम करना पड़ता है और ओवरटाइम का भुगतान भी नहीं मिलता.