कैलाश पर्वत के पास बसी है राक्षसों की झील, जहां रावण ने नहाकर की थी कठोर तपस्या; जानें इस जगह से जुड़ी रहस्यमयी बातें

Published on: 12 May 2025 | Author: Princy Sharma
Rakshas Tal Secrets: हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है, इसलिए यह स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी पर्वत के पास एक ऐसी रहस्यमयी झील भी है, जिसे ‘राक्षस ताल’ या ‘रावण ताल’ के नाम से जाना जाता है? यह झील नकारात्मक ऊर्जा और रहस्यों से भरी हुई मानी जाती है, जिसे लेकर कई धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं जुड़ी हैं.
राक्षस ताल एक अर्धचंद्राकार झील है जो मानसरोवर झील के पास स्थित है. जहां एक ओर मानसरोवर झील को पवित्र माना जाता है और उसमें स्नान करना शुभ होता है, वहीं राक्षस ताल को अशुद्ध और अभिशप्त माना गया है. मान्यता है कि लंकापति रावण ने इस झील में स्नान कर यहीं पर कठोर तप किया था. इसी कारण इसे ‘राक्षस ताल’ कहा जाता है. बौद्ध धर्म में इसे अंधकार का प्रतीक माना गया है.
तिब्बतियों की नजर में यह है ‘जहर की झील’
तिब्बत के लोग इस झील को ‘ल्हानाग त्सो’ या ‘लंगगर चो’ कहते हैं और इसे विषैली झील मानते हैं. उनके अनुसार इस झील के पास जाना भी अपशकुन माना जाता है. वे इसे 'ब्लैक लेक ऑफ पॉइजन' यानी जहर की काली झील कहते हैं. यहां तक कि चीन सरकार ने भी इस झील के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए हैं ताकि कोई इसमें स्नान न करे या पानी न पी ले.
वैज्ञानिक भी हैरान
राक्षस ताल के पानी में न तो मछलियां पाई जाती हैं, न आसपास कोई हरियाली. जबकि कुछ ही दूरी पर स्थित मानसरोवर झील में जल जीवन और पेड़-पौधे दोनों मौजूद हैं. वैज्ञानिक आज तक यह नहीं समझ पाए कि राक्षस ताल का पानी इतना खारा और जहरीला क्यों है.
नेगेटिविटी से भरी है यह जगह
जो लोग इस झील के पास गए हैं, उन्होंने बताया कि वहां उन्हें अजीब सी नकारात्मक ऊर्जा महसूस हुई. कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस झील में आज भी राक्षसों का वास है. यही वजह है कि यह झील अब भी रहस्य और डर की दुनिया बनी हुई है.