सीजफायर के बाद लाल सागर में व्यापार बढ़ाने का प्रयास तेज, स्वेज नहर ने कार्गो जहाजों को दी 15% छूट

Published on: 17 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
स्वेज नहर प्राधिकरण (SCA) ने 15 मई से न्यूनतम 1,30,000 मीट्रिक टन क्षमता वाले कार्गो जहाजों के लिए पारगमन शुल्क पर 15% छूट की घोषणा की है. यह कदम लाल सागर सुरक्षा संकट के कारण नहर के व्यापार पर पड़े प्रभाव को कम करने का प्रयास है. SCA के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एडमिरल ओसामा रबी ने इटली के राजदूत मिशेल क्वारोनी के साथ बैठक के बाद कहा, "SCA ने 1,30,000 टन या उससे अधिक क्षमता वाले कंटेनर जहाजों (लोडेड या बैलस्ट) के पारगमन शुल्क पर 90 दिनों के लिए 15% छूट की पेशकश की है."
लाल सागर में युद्धविराम की उम्मीद
रबी ने 25 प्रमुख शिपिंग लाइन ऑपरेटरों और समुद्री एजेंसियों से संपर्क कर लाल सागर में नौवहन की वापसी की सकारात्मक संभावनाओं का हवाला देते हुए जहाजों को स्वेज नहर मार्ग पर लौटने का आग्रह किया. यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरान समर्थित हूती मिलिशिया के साथ लाल सागर में युद्धविराम की घोषणा के तीन दिन बाद आई. हालांकि, हूतियों ने स्पष्ट किया कि इजरायल से जुड़े जहाज इस समझौते का हिस्सा नहीं हैं और उन्हें निशाना बनाया जाएगा.
स्वेज नहर का आर्थिक महत्व
स्वेज नहर वैश्विक व्यापार का 12-15% हिस्सा संभालती है. हूती हमलों से पहले, वैश्विक कंटेनर यातायात का 30% और ऊर्जा प्रवाह का 8-9% इस मार्ग से गुजरता था. IMF और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पोर्टवॉच डेटा के अनुसार, 11 मई 2025 को स्वेज नहर का दैनिक व्यापार मात्रा (TTV) 4,84,137 मीट्रिक टन था, जो पिछले साल 13,49,086 मीट्रिक टन था. भारतीय राष्ट्रीय जहाज मालिक संघ के सीईओ अनिल देवली ने कहा, "यह छूट कंटेनर जहाजों को स्वेज नहर में वापस लाने का प्रयास है. बॉक्सशिप्स SCA की आय का प्रमुख स्रोत थे."
शिपिंग कंपनियों की हिचकिचाहट
लाल सागर संकट के कारण जहाजों ने केप ऑफ गुड होप मार्ग का रुख किया, जिससे यात्रा अवधि 10-14 दिन बढ़ गई और ईंधन खपत में वृद्धि हुई. इससे माल ढुलाई दरें बढ़ीं. देवली ने कहा, "केप ऑफ गुड होप मार्ग ने जहाज मालिकों को उच्च माल ढुलाई दरें वसूलने में सक्षम बनाया, जैसा कि डेनिश शिपिंग कंपनी मर्स्क की कमाई से पता चलता है." मर्स्क ने उच्च माल ढुलाई दरों और कंटेनर मांग के कारण 2024 में राजस्व और लाभ में वृद्धि दर्ज की.
भविष्य की चुनौतियां
Kpler इनसाइट के वरिष्ठ विश्लेषक अर्टुरो रेगालाडो ने कहा, "युद्धविराम सही दिशा में कदम है, लेकिन कई कंपनियां तब तक सतर्क रहेंगी जब तक नौवहन की सुरक्षा की पुष्टि नहीं हो जाती." हूतियों द्वारा इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाने की संभावना मार्ग को अस्थिर बनाए रख सकती है.