Turkish Shows Removed: पाकिस्तान के साथ देने पर भारत ने तुर्की को सिखाया सबक, यूट्यूब और ओटीटी से हटाए शो

Published on: 17 May 2025 | Author: Babli Rautela
Turkish Shows Removed: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव ने मनोरंजन जगत पर भी अपना असर दिखाया है. तुर्की के भारत विरोधी रुख के चलते तुर्की के पॉपुलर नाटकों पर भारत में सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा और बायकॉट की मांग बढ़ने से कई OTT प्लेटफॉर्म और YouTube चैनलों ने तुर्की कंटेंट हटाना शुरू कर दिया है. यह स्थिति पहले पाकिस्तानी कंटेंट के बहिष्कार की याद दिलाती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जी5 ने पिछले हफ्ते अपने प्लेटफॉर्म से कई तुर्की शो चुपके से हटा दिए. इनमें ‘रिलेशनशिप स्टेटस: इट्स कॉम्प्लिकेटेड’ जैसे शो शामिल हैं, जो जिंदगी के कंटेंट का हिस्सा थे. यह शो टियर-1 और टियर-2 शहरों में काफी पसंद किए जाते थे. एक अंदरूनी सूत्र ने बताया, 'हम लोगों की भावनाओं पर नजर रख रहे थे. सरकार का कोई निर्देश नहीं था, लेकिन प्रतिष्ठा के नुकसान से बचने के लिए हमने यह कदम उठाया.'
यूट्यूब और ओटीटी से हटाए गए तुर्की शो
Amazon MX Player, जो ‘गोल्डन बॉय’, ‘लव इज इन द एयर’ और ‘एंडलेस लव’ जैसे तुर्की शो स्ट्रीम करता है, ने नए तुर्की कंटेंट के अधिग्रहण पर रोक लगा दी है. एक सूत्र ने कहा, 'सूचना और प्रसारण मंत्रालय से कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिला, लेकिन हमने सावधानी बरती है. अभी कंटेंट हटाया नहीं गया, लेकिन नए शो नहीं लाएंगे.' दूसरे प्लेटफॉर्म भी अपने तुर्की कैटलॉग की समीक्षा कर रहे हैं, हालांकि सरकार ने कोई आधिकारिक बैन नहीं लगाया है.
यूट्यूब चैनल पर दबाव
तुर्की सीरीज स्ट्रीम करने वाले YouTube चैनल भी दबाव में हैं. ‘लाइव पाकिस्तान’ चैनल, जो ‘पुनरुत्थान: एर्टुगरुल’ जैसे शो प्रसारित करता था, 16 मई 2025 से भारत में उपलब्ध नहीं है. इसके पीछे टेकडाउन अनुरोधों की श्रृंखला कारण बताई जा रही है. तुर्की शो जैसे ‘एर्टुगरुल’, ‘फेरिहा’ और ‘मासूम’ पिछले 7-8 सालों में भारतीय युवाओं और परिवारों में खासे लोकप्रिय हुए थे, लेकिन अब भावनाएं बदल रही हैं.
मनोरंजन के अलावा, दूसरे क्षेत्रों में भी तुर्की के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने निर्माताओं से तुर्की में शूटिंग न करने की अपील की है. कई भारतीय विश्वविद्यालयों ने तुर्की संस्थानों के साथ शैक्षणिक सहयोग खत्म कर दिया है. JNU ने तुर्की की एक यूनिवर्सिटी के साथ समझौता रद्द कर 'देश के साथ खड़े होने' का संदेश दिया.