गर्मी के सितम के साथ फिर लौटा कोरोना, केरल में सामने आए 182 कोविड केस, स्वास्थ्य मंत्री ने दी सावधान रहने की सलाह

Published on: 22 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
केरल में मई में अब तक 182 नए कोविड-19 मामले सामने आए हैं, जिसके चलते राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जनता से सावधानी बरतने और सजग रहने की अपील की है. मंत्री जॉर्ज ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे हांगकांग और सिंगापुर में ओमिक्रॉन जेएन1 वेरिएंट (एलएफ.7 और एनबी.1.8) के कारण कोविड मामलों में तेजी देखी जा रही है, जो अत्यधिक संक्रामक हैं.
उन्होंने कहा, "दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में कोविड मामले बड़ी संख्या में दर्ज किए जा रहे हैं, और केरल में भी कोविड में वृद्धि की संभावना है." उन्होंने आगे कहा, "हालांकि गंभीरता अधिक नहीं है लेकिन आत्मरक्षा महत्वपूर्ण है."
कोट्टायम जिला सबसे अधिक प्रभावित
मई में दर्ज 182 नए मामलों में कोट्टायम में सर्वाधिक 57 मामले, एर्नाकुलम में 34 और तिरुवनंतपुरम में 30 मामले सामने आए. शेष मामले अन्य जिलों में बिखरे हुए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने बुलाई बैठक
स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में स्टेट रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) की उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्थिति की समीक्षा और आगे की कार्रवाई की योजना बनाई गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि लक्षण वाले व्यक्तियों के लिए कोविड-19 परीक्षण बढ़ाए जाएंगे, अस्पतालों में आरटी-पीसीआर किट और सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, और अस्पतालों में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. स्वास्थ्य
कर्मियों को हर समय पहनना होगा मास्क
मंत्री ने जनता को सलाह दी: "जिन लोगों को सर्दी, गले में खराश, खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए. बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सार्वजनिक स्थानों और यात्रा के दौरान मास्क पहनना चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "अनावश्यक अस्पताल दौरों से बचें. समय-समय पर साबुन से हाथ धोना बेहतर है. जहां भी आपका इलाज हो, वहां के प्रोटोकॉल का पालन करें और उसी अस्पताल में उपचार सुनिश्चित करें."
नया वेरिएंट घातक नहीं
मंत्री जॉर्ज ने आश्वासन दिया कि वर्तमान कोविड वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक होने के बावजूद गंभीर नहीं हैं. फिर भी, उन्होंने सावधानी, जल्दी परीक्षण और मास्क के उपयोग को रोकथाम के प्रमुख कदम बताया. आरआरटी बैठक में निपाह वायरस रोकथाम पर भी चर्चा हुई, और यह निष्कर्ष निकला कि कोई और प्रसार न होने के कारण नियंत्रण क्षेत्र को हटाया जा सकता है.
मानसून और अन्य बीमारियां
मानसून के आगमन के साथ, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस और अन्य जलजनित बीमारियों के बढ़ने की चेतावनी दी है. बारिश की संभावना को देखते हुए फील्ड-स्तर की निगरानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों को तेज किया जाएगा.