400 अंक प्राप्त करने के बाद भी क्यों इस छात्रा ने हटाया अपना सरनेम? वाहवाही करने वाले लोग सोच में पड़े

Published on: 04 May 2025 | Author: Anvi Shukla
Who Is Srijani Kolkata ISC Topper: कोलकाता की रहने वाली श्रीजनी ने ISC कक्षा 12 की परीक्षा में 400 में से 400 अंक हासिल करके एक असाधारण उपलब्धि प्राप्त की है. हालांकि, यह उनकी शैक्षिक सफलता ही नहीं है जो सुर्खियां बटोर रही है, बल्कि उनका एक साहसी कदम भी चर्चा का विषय बना हुआ है. श्रीजनी ने अपनी परीक्षा के फॉर्म में उपनाम (surname) को छोड़ने का निर्णय लिया और जब उनसे धर्म के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने केवल 'मानववाद' (Humanism) लिखा.
श्रीजनी का कहना है कि वह एक ऐसी दुनिया में विश्वास करती हैं, जहां हर व्यक्ति को उसकी जाति, धर्म, लिंग या पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर समान दर्जा प्राप्त हो. यही कारण था कि उन्होंने अपने उपनाम को छोड़ दिया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं हमेशा अपने पहले नाम से ही पहचानी गई हूं, चाहे वह दोस्त हों या परिवार के सदस्य. मुझे ऐसा उपनाम नहीं चाहिए, जो कभी-कभी सामाजिक या धार्मिक पहचान को दर्शाता हो. मैं चाहती हूं कि मुझे उस नाम से पहचाना जाए, जो मैं हूं, न कि मेरे नाम से यह पता चले कि मैं कहां से आई हूं.'
परिवार और दोस्तों का समर्थन
श्रीजनी ने यह निर्णय अपने परिवार और दोस्तों के पूर्ण समर्थन से लिया है. उनकी मां, गोपा मुखर्जी, जो गुरुदास कॉलेज में पढ़ाती हैं, ने कहा, 'हमने अपनी दोनों बेटियों को स्वतंत्र और समान विचारों वाली बनाने की कोशिश की है. यहां तक कि जब हम उनके जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रहे थे, तो हमने भी कोई उपनाम नहीं जोड़ा. मैं भी अपने पति का उपनाम नहीं इस्तेमाल करती हूं.'
फ्यूचर फाउंडेशन स्कूल के एक कर्मचारी ने कहा, 'छात्रों को यदि वे चाहें तो अपने उपनाम को छोड़ने की पूरी स्वतंत्रता है. यह कानूनी रूप से पूरी तरह से सही है.'
श्रीजनी का करियर
श्रीजनी ने शैक्षिक सफलता के साथ समाजिक जागरूकता भी दिखाई है. उन्होंने 'वुमन रीकेम द नाइट' विरोध प्रदर्शन में भाग लिया, जो एक मेडिकल छात्रा के बलात्कार और हत्या के बाद हुआ था. उनके अनुसार, इस प्रदर्शन का उनके अध्ययन पर कोई असर नहीं पड़ा. वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करती हैं. श्रीजनी वैज्ञानिक शोधकर्ता बनना चाहती हैं, जैसे उनके पिता देबाशिष गोस्वामी.