Pakistan Deportation: 'कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं', बेंगलुरु के परिवार की गुहार पर SC ने लिया एक्शन

Published on: 02 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (2 मई) को बेंगलुरू निवासी एक शख्स की अपने परिवार सहित पाकिस्तान निर्वासित किए जाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने प्राधिकारियों से याचिकाकर्ता और उसके परिवार के भारतीय नागरिकता के दावों का वैरिफिकेशन करने को कहा, जो पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर केंद्र द्वारा जारी निर्देशों के बाद निर्वासन आदेश का सामना कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को अदालत में दिए गए सभी दस्तावेजों को वैरीफाई करने का निर्देश दिया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने प्राधिकारियों को जल्द से जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया, हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई.
याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं की जाएगी कार्रवाई- SC
इस बीच केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोर्ट की निगरानी में अंतिम फैसला होने तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया कि उन्हें और उनके पांच पारिवारिक सदस्यों को, जो जम्मू-कश्मीर में रहते हैं, 25 अप्रैल को श्रीनगर स्थित विदेशी पंजीकरण कार्यालय से एक नोटिस मिला.
नोटिस में किया गया “निराधार दावा”- याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने कहा कि नोटिस में यह “निराधार दावा” किया गया है कि वह और उनके परिवार के सदस्य 1997 में अवैध रूप से भारत में घुसे थे और वीजा की अवधि समाप्त होने पर उन्हें भारत छोड़ना अनिवार्य था, क्योंकि वे पाकिस्तानी नागरिक हैं. दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए भारत सरकार ने (अल्पकालिक) पर्यटक और मेडिकल वीजा वाले पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का आदेश दिया. हालांकि, लंबी अवधि के परमिट वाले और पाकिस्तानी मूल के हिंदुओं को वहां रहने की अनुमति दी गई.
जानिए पहलगाम के बाद भारत सरकार ने क्या लिए फैसले?
हालांकि, भारत के कदम के बाद, बुधवार को 125 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से देश से बाहर चले गए, जिससे पिछले हफ्ते में बाहर जाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 911 हो गई. इसी तरह वीजा के प्रकार के आधार पर निकास की समय-सीमा अलग-अलग थी - सार्क वीजा के लिए 26 अप्रैल, 12 अन्य कैटागिरी के लिए 27 अप्रैल और मेडिकल वीजा वालों के लिए 29 अप्रैल तक की समय अवधि दी गई थी.