Hafiz Saeed News: पहलगाम हमले से 4 महीने पहले हाफिज सईद से बदला ठिकाना, NIA की जांच में बड़ा खुलासा

Published on: 02 May 2025 | Author: Garima Singh
Lashkar terrorist Hafiz Saeed: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत की पुष्टि की है. इस हमले में बैसरन घाटी में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी. NIA ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सईद के नए ठिकाने की जानकारी भी शेयर की है. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक आतंकी घटना मानी जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने हाफिज सईद को लाहौर के मियां मीर छावनी क्षेत्र में एक सुरक्षित घर में ट्रांसफर कर दिया है. यह स्थानांतरण पहलगाम हमले से चार महीने पहले किया गया था.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सईद को जानबूझकर घनी आबादी वाले मोहल्ला जोहर में रखा गया है, जहां मस्जिद, मदरसा और आम नागरिकों के घर हैं. उनकी सुरक्षा के लिए पूर्व SSG कमांडो और इशारा पहचानने वाले CCTV कैमरे तैनात किए गए हैं.
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी
22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली थी. इस हमले में मारे गए 26 नागरिकों में अधिकांश पर्यटक थे.
हाफिज सईद की स्थिति
आधिकारिक तौर पर, 77 साल के हाफिज सईद को आतंकवादी वित्तपोषण के मामलों में 46 साल की सजा सुनाई गई है. हालांकि, कई रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि उसे पारंपरिक जेल में रखा ही नहीं गया है. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित सईद को पाकिस्तान में खुली छूट मिली हुई है. पिछले तीन सालों में वह दो दर्जन से अधिक बार सार्वजनिक रूप से नजर आ चुका है. वह पीओके, मुरीदके, बहावलपुर और रावलकोट में आतंकी शिविरों में सक्रिय देखा गया है.
भारत की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं. पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने के साथ-साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा, अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद कर दिया गया. भारत ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद सईद द्वारा लश्कर का नाम बदलकर 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' करने की रणनीति को भी नाकाम करने का संकल्प लिया है.