ट्रंप का चीन को दिया दर्द भारत के लिए बना 'अमृत', अमेरिका-ड्रैगन के बीच टैरिफ वॉर से कैसे हिंदुस्तान बनेगा वर्ल्डपावर?

Published on: 02 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के माहौल में एक विश्लेषण के अनुसार, भारत और जापान जैसे देश अमेरिका के साथ बेहतर व्यापारिक समझौते कर सकते हैं. हालांकि, ये देश ऐसे किसी भी समझौते से बचेंगे जो चीन के साथ उनके मौजूदा व्यापारिक रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता हो.
भारत और जापान के लिए अवसर
जेफरीज नामक संस्था के विश्लेषण के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में भारत और जापान अमेरिका के साथ पहले से बेहतर व्यापारिक शर्तें हासिल कर सकते हैं. लेकिन दोनों देश सावधानी बरत रहे हैं ताकि चीन के साथ उनके व्यापारिक संबंधों पर कोई आंच न आए. इसका कारण है कि चीन कई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार बन चुका है.
चीन की सख्त चेतावनी
चीन ने हाल ही में स्पष्ट चेतावनी दी है कि वह उन देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा जो अमेरिका के साथ ऐसे व्यापारिक समझौते करेंगे जो चीन के हितों को नुकसान पहुंचाएं. यह रुख दर्शाता है कि चीन अपने और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक विवाद में सख्ती से निपटने को तैयार है. इस स्थिति में भारत और जापान जैसे देशों के लिए संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
चीन का वैश्विक व्यापार में दबदबा
विश्लेषण बताता है कि अमेरिका की ओर से चीन को व्यापारिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिशें बहुत प्रभावी नहीं हो रही हैं. इसका कारण है कि चीन वैश्विक व्यापार में एक मजबूत स्थिति में है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 तक 143 देश, यानी करीब 71 प्रतिशत देश, अमेरिका की तुलना में चीन के साथ अधिक व्यापार करेंगे. इसके अलावा, 107 देशों का चीन के साथ व्यापार अमेरिका की तुलना में दोगुना से भी अधिक है. यह आंकड़ा 2001 की तुलना में काफी बढ़ा है, जब चीन विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ था. उस समय केवल 22 प्रतिशत देश चीन के साथ अधिक व्यापार करते थे.
भारत के लिए संभावनाएं
हालांकि अमेरिका और चीन के बीच तनाव से भारत को कुछ फायदे हो सकते हैं. भारत अमेरिका के साथ बेहतर व्यापारिक सौदे कर सकता है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा. लेकिन भारत को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वह चीन के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को बनाए रखे, क्योंकि चीन उसका एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है.