Blue Card for Indians: ब्लू कार्ड, यूरोप में नौकरी और रेजिडेंसी का गोल्डन टिकट! जानें कैसे मिल सकता है आपको ये मौका

Published on: 02 Aug 2025 | Author: Reepu Kumari
Blue Card for Indians: अगर आप यूरोप में नौकरी करने का सपना देख रहे हैं और आपके पास अच्छी स्किल्स हैं, तो आपके लिए एक सुनहरा मौका है - EU ब्लू कार्ड. यह कार्ड आपको न सिर्फ यूरोप के किसी देश में काम करने की इजाजत देता है, बल्कि वहां रहने, घूमने और कई अधिकार पाने का रास्ता भी खोलता है. अमेरिका के ग्रीन कार्ड की तर्ज पर यूरोप का ब्लू कार्ड हाई स्किल वर्कर्स के लिए है, जैसे कि इंजीनियर, डॉक्टर, आईटी प्रोफेशनल्स, रिसर्चर और हेल्थ वर्कर्स.
अगर आप कुछ जरूरी शर्तें पूरी करते हैं, तो यह कार्ड आसानी से मिल सकता है और आपके यूरोप जाने का सपना पूरा हो सकता है.
क्या है EU ब्लू कार्ड?
EU ब्लू कार्ड यूरोपियन यूनियन द्वारा जारी किया जाने वाला एक वर्क और रेजिडेंस परमिट है, जो खासतौर पर हाईली स्किल्ड वर्कर्स को दिया जाता है. इसके तहत कोई भी योग्य व्यक्ति यूरोप के किसी देश में जाकर नौकरी कर सकता है और वहां रह सकता है. यह कार्ड डॉक्टरों, इंजीनियरों, आईटी एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिकों जैसे लोगों को मिलता है.
किन देशों में मान्य है यह कार्ड?
EU ब्लू कार्ड 25 यूरोपियन देशों में मान्य है. इसमें जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, स्पेन जैसे प्रमुख देश शामिल हैं. सिर्फ डेनमार्क और आयरलैंड इस योजना से बाहर हैं. कार्डधारक इन देशों में घूमने और शॉर्ट टर्म विजिट्स के लिए आसानी से जा सकते हैं.
किन शर्तों पर मिलता है ब्लू कार्ड?
ब्लू कार्ड पाने के लिए आवेदक के पास मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी डिग्री या उसके बराबर की क्वालिफिकेशन होनी चाहिए. इसके अलावा, उसे यूरोप की किसी कंपनी से कम से कम 1 साल की नौकरी का ऑफर होना जरूरी है. साथ ही, देश के अनुसार तय न्यूनतम वेतन की सीमा पूरी करनी होगी और हेल्थ इंश्योरेंस तथा वैलिड ट्रैवल डॉक्युमेंट्स भी जरूरी हैं.
क्या हैं इसके फायदे?
ब्लू कार्ड होल्डर्स को कार्ड जारी करने वाले देश में काम करने और रहने की पूरी छूट मिलती है. वे 180 दिनों में 90 दिन तक अन्य यूरोपीय देशों में यात्रा कर सकते हैं. उन्हें सामाजिक सुरक्षा, एजुकेशन और फैमिली स्पॉन्सरशिप की सुविधा भी मिलती है. सबसे खास बात ये कि कार्डधारक बिना किसी रोक-टोक के नौकरी भी बदल सकते हैं और भविष्य में स्थायी निवास यानी परमानेंट रेजिडेंसी भी मिल सकती है.