Mallikarjun Kharge ECI Attack: 'मोदी जी की कठपुतली है चुनाव आयोग, अल्पसंख्यकों से छीन रहा...', ECI पर खड़गे का बड़ा आरोप

Published on: 02 Aug 2025 | Author: Km Jaya
Mallikarjun Kharge ECI Attack: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को चुनाव आयोग यानी ECI पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कठपुतली की तरह काम कर रहा है और केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ मिलकर देश के गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को मतदान से वंचित करने की साजिश रच रहा है.
नई दिल्ली में कांग्रेस की ओर से आयोजित लीगल कॉन्क्लेव में बोलते हुए खरगे ने दावा किया कि चुनाव आयोग जानबूझकर करोड़ों वोटरों के नाम सूची से हटा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में 65 लाख से 1 करोड़ वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करना कोई संयोग नहीं, यह सोच-समझकर किया गया षड्यंत्र है, जिससे दलित और पिछड़े समुदाय चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो जाएं.
सरकारी आंकड़ों का हवाला
खरगे ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अगर 70 करोड़ वोटरों में से बिना किसी ठोस कारण के 1 करोड़ नाम हटा दिए जाते हैं, तो यह संविधानिक अधिकारों का हनन है और इसे रोका जाना चाहिए. आयोग खुद ऐसी सूचियां प्रकाशित कर रहा है, जो इस साजिश को उजागर करती हैं.
वोटरों के नाम सूची से हटाए
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रक्रिया सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में फैल रही है. उन्होंने कहा कि जब लाखों वोटरों के नाम एक साथ सूची से हटा दिए जाते हैं और यह एक राष्ट्रीय प्रवृत्ति बन जाती है, तो इसे उजागर करना जरूरी हो जाता है.
संविधानिक सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप
खरगे ने ECI और केंद्र सरकार दोनों पर मिलकर संविधानिक सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किया है, लेकिन कई सुनवाइयों के बावजूद आयोग ने अब तक अपने रवैये में कोई बदलाव नहीं किया है.
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
उन्होंने भाजपा-शासित राज्यों में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं को भी इस प्रवृत्ति से जोड़ा. खरगे ने कहा कि मुगल, चिकन, मंगलसूत्र जैसी बातें सिर्फ समाज को बांटने के लिए की जाती हैं. अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. अपने भाषण के अंत में खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री का काम संविधान की रक्षा करना है, न कि उसे रौंदना. जनता ने उन्हें संविधान के संरक्षण के लिए चुना है, दमन के लिए नहीं.