महीने भर मौत से जंग लड़ने के बाद ओडिशा की 15 साल की नाबालिग ने तोड़ा दम, हमलावरों ने जलाया था जिंदा

Published on: 02 Aug 2025 | Author: Garima Singh
Odisha girl brutal attack: ओडिशा के पुरी में 19 जून को एक 15 साल की नाबालिग लड़की पर हुए क्रूर हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इस दिल दहलाने वाली घटना में, बाइक सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने कथित तौर पर लड़की पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी थी. गंभीर रूप से जली इस बच्ची ने कई हफ्तों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष किया, लेकिन शनिवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उसने अंतिम सांस ली.
ये घटना उस समय हुई, जब नाबालिग लड़की अपने रिश्तेदार के घर जा रही थी. मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, उसे अगवा कर भार्गबी नदी के किनारे एक सुनसान जगह पर ले जाया गया, जहां हमलावरों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. स्थानीय लोगों ने उसकी चीखें सुनकर तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई और पुलिस को सूचना दी. शुरूआती जांच में पुलिस ने बताया कि हमले का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, लेकिन जांच अभी भी जारी है और संदिग्धों की तलाश में छापेमारी की जा रही है.
ବଳଙ୍ଗା ଘଟଣାରେ ପୀଡ଼ିତା ଝିଅଟିର ମୃତ୍ୟୁ ଖବର ଶୁଣି ମୁଁ ଗଭୀର ଭାବେ ମର୍ମାହତ। ସରକାରଙ୍କ ସମସ୍ତ ପ୍ରୟାସ ଏବଂ ଏମ୍ସ ଦିଲ୍ଲୀରେ ବିଶେଷଜ୍ଞ ଡାକ୍ତରୀ ଦଳଙ୍କ ଅହୋରାତ୍ର ଚେଷ୍ଟା ସତ୍ତ୍ୱେ ତାଙ୍କ ଜୀବନ ରକ୍ଷା କରାଯାଇ ପାରିଲା ନାହିଁ।
— Mohan Charan Majhi (@MohanMOdisha) August 2, 2025
ମୁଁ ଝିଅଟିର ଅମର ଆତ୍ମାର ସଦଗତି କାମନା କରୁଛି ଏବଂ ଏହି ଅପୂରଣୀୟ କ୍ଷତିକୁ ସହିବା ପାଇଁ ତାଙ୍କ…
जिंदगी से जंग हुई ख़त्म
75% से अधिक जल चुकी इस नन्ही सी जान को पहले भुवनेश्वर के एम्स में भर्ती कराया गया. हालत बिगड़ने पर उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया. एम्स के बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक के बर्न आईसीयू में उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया. डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत नाजुक थी और उसे निरंतर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी. एम्स दिल्ली ने अपने बयान में कहा, "विशेषज्ञों की एक टीम ने चौबीसों घंटे उसकी देखभाल की, लेकिन हम उसे बचा नहीं सके."
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा, "पीड़ित बच्ची की मौत की खबर सुनकर मुझे गहरा सदमा लगा है. सरकार के तमाम प्रयासों और दिल्ली एम्स की विशेषज्ञ चिकित्सा टीम की चौबीसों घंटे की कोशिशों के बावजूद, उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. मैं बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और ईश्वर से उसके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं."