मिनटों में लगाएं दिल की सही उम्र का पता, वैज्ञानिकों ने बताया फ्री टूल

Published on: 02 Aug 2025 | Author: Kuldeep Sharma
क्या आपके दिल की उम्र आपसे आगे निकल चुकी है? यानी भले ही आपकी असली उम्र 45 साल हो, लेकिन आपका दिल 55 साल का काम कर रहा हो! यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी में कुछ ऐसा ही खुलासा हुआ है.
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि अधिकतर वयस्कों की हार्ट एज उनकी वास्तविक उम्र से कहीं ज्यादा है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने PREVENT Risk Age Calculator नामक एक मुफ्त ऑनलाइन टूल विकसित किया है, जो आपके दिल की असली उम्र बताता है.
हार्ट एज क्या है और क्यों ज़रूरी है?
हार्ट एज दरअसल आपके दिल के स्वास्थ्य को एक ऐसी संख्या में दर्शाता है जो आपकी असली उम्र से तुलना करने में आसान हो. इसे जानना इसलिए जरूरी है ताकि आप समय रहते दिल की बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर से खुद को बचा सकें. हार्ट एज का उपयोग करके डॉक्टर मरीजों को जटिल मेडिकल आंकड़ों के बजाय आसान भाषा में उनके स्वास्थ्य जोखिम समझा सकते हैं. इससे उपचार और रोकथाम की प्रक्रिया भी अधिक प्रभावशाली बन सकती है.
कैसे करता है काम PREVENT Risk Age Calculator?
यह टूल आपके ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल, बीएमआई, धूम्रपान की आदतें, मधुमेह की स्थिति और दवाओं की जानकारी लेकर आपके दिल की अनुमानित उम्र तय करता है. खास बात यह है कि यह जोखिम को प्रतिशत के रूप में नहीं, बल्कि उम्र के रूप में बताता है, जो आम लोगों के लिए ज्यादा सहज और समझने योग्य है. इसका उद्देश्य है जोखिम को बेहतर तरीके से समझना और उसपर समय रहते कार्रवाई करना.
शोध में क्या निकला सामने?
यह टूल 30 से 79 वर्ष के 14,000 से ज्यादा लोगों पर परखा गया, जिनमें से किसी को भी पहले से कोई हृदय रोग नहीं था. जब उनकी हार्ट एज का आंकलन किया गया, तो पता चला कि ज्यादातर लोगों का दिल उनकी असली उम्र से कई साल बड़ा है. महिलाओं की औसतन हार्ट एज 55.4 साल पाई गई, जो उनकी असली उम्र 51.3 से लगभग 4 साल ज्यादा थी. वहीं पुरुषों की औसतन हार्ट एज 56.7 साल निकली, जो उनकी असली उम्र 49.7 से करीब 7 साल ज्यादा थी. यदि यह अंतर 5 साल या उससे ज्यादा हो, तो यह चिंता का विषय बन सकता है.
कुछ सीमाएं और अगला कदम
शोधकर्ताओं ने यह भी माना है कि इस टूल की कुछ सीमाएं हैं. उदाहरण के लिए, "ऑप्टिमल रिस्क" की परिभाषा अलग-अलग हो सकती है, जिससे परिणाम प्रभावित हो सकते हैं. साथ ही, यह जरूरी है कि इस टूल का व्यापक स्तर पर परीक्षण हो ताकि यह जाना जा सके कि आम लोग इसे सही तरीके से समझ पा रहे हैं या नहीं. फिर भी यह एक प्रगतिशील कदम है जो हार्ट हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ा सकता है और समय रहते इलाज सुनिश्चित कर सकता है.