अमेरिका में पैदा हुआ दुनिया का सबसे बूढ़ा बच्चा, 7 साल से गर्भवती होने की कोशिश कर रही थी महिला, तकनीक का अद्भुत चमत्कार

Published on: 02 Aug 2025 | Author: Kuldeep Sharma
वैज्ञानिक तकनीकों और चिकित्सा के क्षेत्र में रोज़ नए चमत्कार हो रहे हैं, लेकिन अमेरिका के ओहायो राज्य में रहने वाले एक दंपती ने जो अनुभव किया, वह दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है. एक 30 साल पुराने भ्रूण से जन्मे शिशु ने चिकित्सा जगत में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. इस खबर ने न सिर्फ विज्ञान को, बल्कि उम्मीदों को भी नई उड़ान दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लिंडसे और टिम पियर्स पिछले सात वर्षों से संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत थे. उनका सपना तब साकार हुआ जब उन्होंने एक 30 साल पुराने भ्रूण को गोद लिया. यह भ्रूण 1994 में लिंडा आर्चर्ड नाम की महिला द्वारा इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के तहत बनवाया गया था और तब से क्रायोप्रिजर्व यानी जमी हुई स्थिति में रखा गया था. इस भ्रूण से जन्मे बच्चे का नाम थाडियस डेनियल पियर्स रखा गया है, जिसका जन्म 26 जुलाई को हुआ.
भ्रूण की कहानी तीन दशक पुरानी
लिंडा आर्चर्ड और उनके पहले पति ने 1990 के दशक की शुरुआत में संतान प्राप्ति के लिए IVF तकनीक का सहारा लिया था. 1994 में चार भ्रूण बने, जिनमें से एक भ्रूण से उनकी बेटी का जन्म हुआ, जो आज 30 साल की है और खुद 10 साल की बेटी की मां है. बाकी बचे तीन भ्रूणों को सुरक्षित रख लिया गया. बाद में जब लिंडा और उनके पति का तलाक हुआ, तो उन्होंने भ्रूणों की कस्टडी ली और उन्हें भविष्य की उम्मीद के तौर पर संरक्षित रखा.
कठिन जन्म लेकिन अनमोल तोहफा
थाडियस के जन्म की प्रक्रिया आसान नहीं थी. मां लिंडसे ने MIT टेक्नोलॉजी रिव्यू से बातचीत में कहा, "जन्म कठिन था, लेकिन अब हम दोनों स्वस्थ हैं. वह बहुत शांत है और हम दोनों इस अनमोल उपहार को देखकर भावुक हैं." उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनके बेटे की बड़ी बहन 30 साल की है. यह सब कुछ बहुत ही अविश्वसनीय लगता है.
18 साल की कोशिश के बाद संतान सुख
इस खबर के साथ एक और मेडिकल चमत्कार सामने आया है. पिछले महीने एक और दंपती, जो 18 साल से संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत थे, उन्होंने भी सफलता पाई, इस बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से. पति में azoospermia नामक दुर्लभ स्थिति थी जिसमें वीर्य में शुक्राणु नहीं होते. कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर की STAR (Sperm Tracking and Recovery) तकनीक की मदद से AI ने वीर्य में छिपे शुक्राणु को पहचान कर अलग किया, जिससे IVF के जरिए महिला गर्भवती हुई. यह STAR तकनीक से गर्भधारण का पहला मामला है.