मानवता को बचाने के लिए हर महिला को पैदा करने होंगे तीन बच्चे: नई स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Published on: 02 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
एक नई स्टडी ने चेतावनी दी है कि अगर मानवता को लंबे समय तक जीवित रहना है, तो प्रत्येक महिला को औसतन तीन बच्चे पैदा करने होंगे. वैश्विक जन्म दर 1960 के दशक में 5.3 से घटकर 2023 तक 2.3 हो गई है.
जन्म दर में कमी का असर
पिछले कुछ दशकों में विश्व भर में जन्म दर तेजी से घटी है. परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता और सामाजिक बदलावों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. पहले जहां एक महिला औसतन 5.3 बच्चे पैदा करती थी, वहीं अब यह संख्या 2.3 पर आ गई है. लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इतनी जन्म दर मानवता के भविष्य के लिए पर्याप्त नहीं है.
2.1 जन्म दर क्यों नाकाफी है?
आमतौर पर माना जाता है कि 2.1 जन्म दर जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए काफी है. यह आंकड़ा आदर्श परिस्थितियों पर आधारित है, जैसे कम बाल मृत्यु दर और लड़के-लड़कियों का समान अनुपात. लेकिन वास्तविकता इतनी सरल नहीं है. कुछ लोग बच्चे पैदा नहीं करते, कुछ की असमय मृत्यु हो जाती है, और छोटी जनसंख्या में यह अनिश्चितता पूरे परिवारों को खत्म कर सकती है. शिज़ुओका विश्वविद्यालय के ताकुया ओकाबे और उनकी टीम ने गणितीय मॉडल बनाकर दिखाया कि 2.7 जन्म दर ही जनसंख्या को लंबे समय तक बनाए रख सकती है.
परिवारों का विलुप्त होना
अगर जन्म दर 2.7 से कम रहती है, तो कई परिवारों की वंशावली समय के साथ खत्म हो सकती है. इसका मतलब है कि आपक नाम, परंपराएं और कहानियां गायब हो सकती हैं. यह न केवल व्यक्तिगत पहचान के लिए, बल्कि सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के लिए भी खतरा है. स्टडी के अनुसार, दुनिया की 6,700 भाषाओं में से 40% अगली सदी में लुप्त हो सकती हैं. हर खोई हुई भाषा अपने साथ अनमोल कहानियां और विश्वास ले जाती है.
विश्व में जन्म दर की स्थिति
हालांकि विश्व की जनसंख्या अभी बढ़ रही है, लेकिन कई देशों में जन्म दर 2.1 से नीचे चली गई है. उदाहरण के लिए, जापान में यह 1.3, दक्षिण कोरिया में 0.87 और अमेरिका में 1.66 है. दक्षिण कोरिया की जन्म दर सबसे कम है, जबकि नाइजर और चाड में यह सबसे अधिक है. जापान में अगर यही स्थिति रही, तो हर पीढ़ी में उसकी जनसंख्या 31% तक कम हो सकती है. इससे बुजुर्गों की देखभाल के लिए युवाओं की कमी हो जाएगी.
अधिक लड़कियों का जन्म मददगार
स्टडी में एक रोचक तथ्य सामने आया है कि अगर जन्म के समय लड़कियों की संख्या थोड़ी अधिक हो, तो जनसंख्या के विलुप्त होने का खतरा कम हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक लड़कियां भविष्य में माताएं बनेंगी, जिससे वंश आगे बढ़ेगा. युद्ध, अकाल या प्राकृतिक आपदाओं जैसे तनावपूर्ण समय में अक्सर अधिक लड़कियों का जन्म होता है. यह प्रकृति का एक तरीका हो सकता है जिससे प्रजातियां मुश्किल समय में जीवित रहें.
भविष्य के लिए क्या करें?
यह स्टडी न केवल मानवता, बल्कि संरक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण है. लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए अक्सर जन्म दर बढ़ाने की कोशिश की जाती है, लेकिन अनिश्चितता और लिंग अनुपात जैसे कारकों पर ध्यान नहीं दिया जाता. नीति निर्माताओं को जनसंख्या लक्ष्यों पर फिर से विचार करना होगा. केवल आर्थिक या पर्यावरणीय कारणों से जनसंख्या को कम करने की नीति अब उचित नहीं है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मानवता की विविधता और धरोहर बनी रहे.