दिल्ली में भारी बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट

Published on: 04 Jul 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया. कन्हैया नगर सहित कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया, जिससे यातायात और दैनिक गतिविधियां बाधित हुईं. हालांकि बरसात के चाहने वाले लोगों ने इस बारिश का जमकर मजा लिया. कई जगहों पर लोग बारिश में भीगते हुए नजर आए.
IMD ने जारी किया येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले दो दिनों तक गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में अगले कुछ दिन बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. आईएमडी ने 4, 5, 6, 7 और 8 जुलाई येलो अलर्ट जारी किया है.
VIDEO | Rain lashes parts of Delhi. Visuals from Kanhaiya Nagar.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 4, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/eUQssGpPxB
नागरिकों के अलर्ट रहने की सलाह
IMD ने दिल्लीवासियों से सतर्क रहने और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है. भारी बारिश के कारण जलभराव और यातायात की समस्याओं को देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है. मौसम विभाग ने कहा, "अगले दो दिनों तक गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना है."
13 राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी
IMD ने देश के 13 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, गोवा, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस अलर्ट में भारी बारिश, तेज हवाओं और संभावित बाढ़ जैसी स्थितियों की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने कहा, "अगले कुछ दिनों तक इन राज्यों में भारी बारिश और मौसमी गतिविधियों में वृद्धि की संभावना है."
दिल्ली में कृत्रिम बारिश की तैयारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश की योजना बनाई जा रही है, जो 11 जुलाई से पहले लागू होगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, आईआईटी कानपुर ने क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन के लिए उड़ान योजना को तकनीकी समन्वय के लिए पुणे में IMD को सौंप दिया है. यह परियोजना 4 से 11 जुलाई के बीच लागू होने की उम्मीद है. यह कदम दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने और मौसम को नियंत्रित करने की दिशा में एक अभिनव प्रयास है.