केदारनाथ यात्रा पर रहस्यमयी बीमारी ने लगाया 'ग्रहण', जानें क्यों लगा घोड़े-खच्चरों से तीर्थयात्रियों को ले जाने पर बैन?

Published on: 06 May 2025 | Author: Garima Singh
Kedarnath dham: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ मार्ग पर एक चिंताजनक घटना सामने आई है. यहां दो दिनों के भीतर 14 घोड़े और 2 खच्चरों की मौत हो गई है. इन जानवरों की मौत संदिग्ध इक्विन इन्फ्लूएंजा (हॉर्स फ्लू) के कारण मर गए. जिसके बाद प्रशासन ने एहतियातन घोड़े-खच्चर सेवाओं पर 24 घंटे का बैन लगा दिया.
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी के प्रवक्ता ने बताया कि 4 मई को छह घोड़े और 5 मई को आठ अन्य घोड़े व खच्चरों की संदिग्ध इक्विन इन्फ्लूएंजा के कारण मौत हुई. "केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के संचालन पर 24 घंटे प्रतिबंध लगा दिया गया है. सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसीसी पुरुषोत्तम ने रुद्रप्रयाग पहुंचकर जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की. पशुपालन विभाग ने पशुओं में इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की शिकायतें मिलने के बाद यह निर्णय लिया है.
इक्विन इन्फ्लूएंजा पर विवाद
हालांकि, पशुपालन सचिव डॉ. बीवीआरसीसी पुरुषोत्तम ने इक्विन इन्फ्लूएंजा से मौत की संभावना को खारिज करते हुए कहा, "पशुओं की मौत किसी अन्य कारण से हुई है.' प्रशासन अब अन्य संभावित कारणों की जांच कर रहा है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके.
क्या है इक्विन इन्फ्लूएंजा?
इक्विन इन्फ्लूएंजा जिसे 'हॉर्स फ्लू' भी कहा जाता है, एक संक्रामक रोग है जो इक्विन इन्फ्लूएंजा वायरस (ईआईवी) के कारण होता है. यह वायरस पक्षियों से घोड़ों और खच्चरों में फैलता है. रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, इसके प्रमुख लक्षण हैं:
बुखार (शरीर का तापमान 39 से 41 डिग्री सेल्सियस)
सूखी खांसी
सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट
भूख में कमी
थकान
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
पशुपालन सचिव डॉ. पुरुषोत्तम ने रुद्रप्रयाग में जिला प्रशासन के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया. प्रतिबंध के साथ-साथ, पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी और बचाव उपायों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की है.