Arshad Madani: सिंधु जल संधि के निलंबन पर ऐसा क्या बोले मौलाना अरशद मदनी कि हो गया विवाद? वीडियो में सुनिए पूरी बात

Published on: 04 May 2025 | Author: Garima Singh
Arshad Madanis controversial statement: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विवाद पैदा करने वाला बयान दिया है. मौलाना अरशद मदनी ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, ' ये नदियां हजारों-लाखों साल से ईसिस तरह बह रही हैं. आप इन्हे और का पान लेकर कहां ले जाएंगे.
मदनी ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर बात करते हुए जोर देकर कहा कि देश को नफरत के बजाय प्रेम के रास्ते पर चलना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर कोई पानी रोकता है तो रोकने दो... ये नदियां हजारों सालों से बह रही हैं, आप उनका पानी कहां ले जाऐंगे? यह आसान नहीं है. मुझे लगता है कि नियम प्यार का होना चाहिए, न कि नफरत का।का. मैं एक मुसलमान हूं, मैं अपनी जिंदगी यहीं इस देश में बिता रहा हूं और मैं जानता हूं कि यहां जिन चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वे देश के लिए ठीक नहीं है.'
#WATCH | Delhi | On the government putting the Indus Waters Treaty at abeyance, President of Jamiat Ulama-i-Hind, Arshad Madani says, "If someone stops water, let them stop it... These rivers have been flowing for thousands of years, where will you take their water? It's not… pic.twitter.com/6pgBv4FzDr
— ANI (@ANI) May 4, 2025
राष्ट्रीय एकता पर जोर
अरशद मदनी ने देश में बढ़ती नफरत और विभाजनकारी नीतियों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में शासन का आधार प्रेम और एकता होना चाहिए. उनका मानना है कि ऐसी नीतियां जो नफरत को बढ़ावा देती हैं, देश के दीर्घकालिक हितों के लिए हानिकारक हो सकती हैं.
संदर्भ और महत्व
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन भी शामिल है.