सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लौंगेवाला का किया दौरा, ऑपरेशन सिंदूर में बेहतर प्रदर्शन के लिए BSF और IAF की जमकर तारीफ

Published on: 19 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
राजस्थान के जैसलमेर में स्थित भारत-पाकिस्तान बार्डर पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है. इस बीच भारतीय सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार (19 मई) को रेगिस्तानी क्षेत्र में कोनार्क कोर की आखिरी पोस्ट लौंगेवाला का दौरा किया. इस दौरान जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जवानों की उत्कृष्ट भूमिका के लिए उनकी प्रशंसा की. साथ ही भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ समन्वित कार्रवाइयों की समीक्षा की.
जैसलमेर से कच्छ क्षेत्र तक फैले रेगिस्तानी इलाके में भारतीय सेना, वायु सेना और बीएसएफ ने त्वरित और समन्वित कार्रवाई की. इन संयुक्त प्रयासों ने न केवल दुश्मन के इरादों को विफल किया, बल्कि पश्चिमी मोर्चे पर परिचालन प्रभुत्व स्थापित करने में भी एक नया मानक कायम किया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सेना ने निगरानी उपकरणों और एयर डिफेंस सिस्टम की तेजी से तैनाती की, जिसमें आईएएफ और बीएसएफ के साथ घनिष्ठ तालमेल रहा. हथियार प्रणालियों की सटीक स्थिति और नागरिक प्रशासन के सहयोग से सुनिश्चित क्षेत्रीय प्रभुत्व और संभावित खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया गया.
जवानों की वीरता को "शाबाश!"
कोनार्क कोर के सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान, सेना प्रमुख ने उत्साहवर्धक "शाबाश!" कहकर उनकी वीरता, अटूट प्रतिबद्धता और अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा में दृढ़ संकल्प की सराहना की. उन्होंने सैनिकों की सतर्कता की प्रशंसा की, विशेष रूप से दुश्मन के ड्रोन घुसपैठ को नाकाम करने में उनकी सफलता की, जिसने रेगिस्तानी क्षेत्र में किसी भी दुस्साहस को रोक दिया.
सेना प्रमुख ने जवानों की हौसला आफजाई की
जनरल द्विवेदी ने कमांडरों और यूनिटों की व्यावसायिकता, उच्च मनोबल और परिचालन योजनाओं के तत्काल निपटाने की प्रशंसा की. उन्होंने भारतीय सेना की सम्मान की परंपरा और भविष्य की चुनौतियों का निर्णायक बल के साथ सामना करने की अटल तत्परता पर जोर दिया. उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा और गतिशील सुरक्षा माहौल में उच्च परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने की सेना की प्रतिबद्धता को दोहराया.
कठिन परिस्थितियों में इंडियन आर्मी निभा रही अपनी सेवा
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने गर्मी की चरम परिस्थितियों में कठिन रेगिस्तानी इलाके में सेवा देने वाले पुरुषों और महिलाओं की दृढ़ता की सराहना की. उन्होंने राष्ट्रीय उद्देश्यों की रक्षा में उनकी अथक सेवा के लिए अपनी और राष्ट्र की प्रशंसा व्यक्त की.