'मदद देने के बदले लूट ली संपत्ति', अमेरिका-यूक्रेन खनिज डील पर रूस का बड़ा दावा

Published on: 01 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अमेरिका और यूक्रेन ने एक महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करता है. इस बीच, रूस के वरिष्ठ अधिकारी दिमित्री मेदवेदेव ने दावा किया है कि यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता के लिए अपनी प्राकृतिक संपदा से भुगतान करना होगा. आइए, इस खबर को सरल हिंदी में समझते हैं.
खनिज समझौते का उद्देश्य
30 अप्रैल, 2025 को वाशिंगटन में हुए इस समझौते के तहत अमेरिका को यूक्रेन के नए खनिज सौदों में प्राथमिकता मिलेगी. यह समझौता यूक्रेन के पुनर्निर्माण में निवेश को बढ़ावा देगा. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और यूक्रेन की उप-प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिदेंको ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. समझौते के जरिए एक संयुक्त निवेश कोष बनाया जाएगा, जिसमें यूक्रेन अपनी खनिज आय का 50% हिस्सा देगा. यह कोष यूक्रेन की आर्थिक वृद्धि और युद्ध के बाद पुनर्निर्माण में मदद करेगा.
यूक्रेन की प्राकृतिक संपदा
यूक्रेन के पास विश्व के 5% खनिज संसाधन हैं, जिनमें ग्रेफाइट, टाइटेनियम और लिथियम जैसे महत्वपूर्ण तत्व शामिल हैं. ग्रेफाइट का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने में होता है, और यूक्रेन इसकी आपूर्ति में शीर्ष देशों में से एक है. हालांकि, रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में यूक्रेन के 350 अरब डॉलर के संसाधन हैं, जिससे खनन कार्यों में चुनौतियां हैं. इसके अलावा, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में बारूदी सुरंगों की मौजूदगी भी खनन को मुश्किल बनाती है.
रूस का विवादास्पद दावा
रूस के सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने इस समझौते पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने टेलीग्राम पर लिखा कि ट्रम्प ने यूक्रेन को अमेरिकी सहायता के लिए अपनी राष्ट्रीय संपत्ति से भुगतान करने के लिए मजबूर किया है. मेदवेदेव ने इसे कीव सरकार के लिए अपमानजनक बताया और कहा कि यूक्रेन को अब अपनी प्राकृतिक संपदा के साथ सैन्य आपूर्ति की कीमत चुकानी पड़ेगी. हालांकि, यूक्रेन ने स्पष्ट किया कि यह समझौता किसी कर्ज के बदले नहीं है, और देश अपनी संपत्तियों का मालिकाना हक बनाए रखेगा.
अमेरिका का रुख
अमेरिकी प्रशासन ने कहा कि यह समझौता रूस को संदेश देता है कि ट्रम्प प्रशासन एक स्वतंत्र और समृद्ध यूक्रेन के लिए प्रतिबद्ध है. ट्रम्प ने इस सौदे को अमेरिकी करदाताओं के लिए फायदेमंद बताया, क्योंकि यह यूक्रेन को दी गई सैन्य सहायता की भरपाई का एक तरीका है. इसके साथ ही, ट्रम्प प्रशासन ने 50 मिलियन डॉलर से अधिक की रक्षा-संबंधी सामग्री को यूक्रेन को सीधे बिक्री के लिए मंजूरी देने की योजना की घोषणा की. यह कदम ट्रम्प के सत्ता में लौटने के बाद पहली बार उठाया गया है.
यूक्रेन की स्थिति
यूलिया स्विरिदेंको ने कहा कि यह समझौता यूक्रेन की संप्रभुता को प्रभावित नहीं करता. यूक्रेन यह तय करेगा कि किन खनिजों का दोहन करना है और कहां करना है. समझौते में कोई कर्ज चुकाने की शर्त नहीं है, और यह दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देगा. हालांकि, इस समझौते को लागू करने के लिए यूक्रेन की संसद से मंजूरी लेनी होगी. यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने इसे दोनों देशों के लिए समान और लाभकारी बताया.
चुनौतियां और भविष्य
इस समझौते के बावजूद, कई चुनौतियां बाकी हैं. खनन शुरू करने से पहले यूक्रेन को भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और ऊर्जा बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा. युद्ध के कारण सुरक्षा जोखिम भी एक बड़ी बाधा हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि खनन से लाभ मिलने में 18-20 साल लग सकते हैं. इसके अलावा, यूरोपीय देश भी यूक्रेन के खनिजों में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे भविष्य में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है.